एक राही...1400 किलोमीटर का पैदल सफर, मन में शिव से मिलने की तरंग
बरेली, विकास यादव, अमृत विचार। कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो। दोस्तो यह पक्तियां बिहार के इस युवक पर सटीक बैठ रहीं है। एक 24 साल का नौजवान युवक यूथ के लिए मिसाल बनने के लिए भागलपुर से अकेला ही 1400 किलोमीटर की केदारनाथ धाम यात्रा के लिए निकल पड़ा। मन मे शिव का नाम और लंबा सफर रास्ते में आने वाले अवरोध भी उसके हौसले को रोक नहीं पा रहे हैं।
बिहार के भागलपुर के गांव नौगछिया के रहने वाले किसान अशोक कुमार यादव के 24 वर्षीय शाश्वत ने सात अप्रैल को भागलपुर से केदारनाथ धाम यात्रा शुरू की है। अपनी जरूरत का कुछ सामान से भरा बैग और उस पर तिरंगा झंडा। वह इस 1400 किलोमीटर की यात्रा पर अकेला और पैदल निकला है। बिहार से बरेली तक अभी तक लगभग 900 किलोमीटर तक का सफर वह तय कर चुका है। 51-52 दिनों के सफर में वह 900 किलोमीटर की राह को पार कर चुका है।
बरेली में सुबह साढ़े पांच बजे गुजरने के दौरान उसने बताया वह इस लंबे सफर पर पैदल अकेला ही निकला है। वह यूथ को धर्म और पैदल चलने के लिए प्रेरित करने को अकेला ही चल पड़ा है। भगवान शिवशंकर का नाम लेकर वह दिन भर चलने के बाद रात को रुककर भोर होते ही निकल पड़ता है। उसे वैसे तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन रात को रुकने के लिए उसे सही स्थान की तलाश रहती है। केवल रात को उसे दिक्कत होती है। वह रोज 25 से 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय करता है। 30 दिनों में वह इस सफर को तय कर लेगा। शाश्वत ने अभी इसी साल स्नातक की परीक्षा पास की है। उसके यह हौसला युवाओं के लिए प्रेरणा है कि वह अकेले बहुत कुछ कर सकते हैं।
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