अयोध्या: करोड़ों खर्च किए फिर भी गंदगी से पटे पड़े हैं पौराणिक कुंड, विकास के नाम पर सिर्फ हुई बंदरबांट

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

अयोध्या/अमृत विचार। राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या के प्राचीन और पौराणिक स्थलों के विकास की योजना में यहां के कुंडों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। कुछ कुंडों का काम पूरा हो गया है तो कुछ पर कार्य चल रहा है, लेकिन रखरखाव न होने के कारण सौंदर्यीकरण होने के बावजूद कुंडों की स्थिति दयनीय दिखाई दे रही है।
     
रामनगरी के पौराणिक कुंडों को संवारने का काम विकास प्राधिकरण और यूपीसीएल के द्वारा किया जा रहा है। यूपीसीएल को प्रति कुंड 1 करोड़ का आवंटन हुआ है, जिसमें सूर्य कुंड, हनुमान कुंड, गणेश कुंड समेत अन्य कई कुंडों के सौंदर्यीकरण पर काम चल रहा है। 

वहीं दूसरी तरह प्राधिकरण को भी नमामि गंगे योजना के तहत 5 करोड़ की धनराशि से लगभग 8 माह पहले विद्या कुंड, अग्नि कुंड, सीता कुंड और खुर्ज कुंड का रंग रोगन कर सुंदर दिखने योग्य बनाया गया, लेकिन रखरखाव और देखभाल न होने के कारण सभी कुंडों की स्थिति दयनीय हो गई है। कहीं पानी सूख गया है तो गंदगी फैल रही है। 

विकास के नाम पर सिर्फ हुई बंदरबांट 
सीताकुंड वार्ड के पार्षद विनय जायसवाल बताते हैं कि कुंडों के जल स्रोत बंद हो जाने के कारण इस प्रकार की स्थिति बन गई हैं। इसकी लिखित शिकायत भी कई बार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से की गई है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। इस वार्ड में ही सबसे ज्यादा कुंड हैं। विकास के नाम पर सिर्फ पैसों की बंदरबांट की गई है।

महापौर गिरीश पति त्रिपाठी का कहना है कि अभी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। आपके द्वारा जानकारी मिल रही है। इस पर अधिकारियों से वार्ता की जाएगी और जिन भी योजनाओं से कार्य किया गया है। उन सभी का आकलन किया जाएगा।

यह भी पढ़ें:-हरदोई: एक मिनट में एक ही बाइक के हुए दो चालान, वाहन स्वामी की शिकायत पर एएसपी ने टीआई को किया तलब 

संबंधित समाचार