बरेली: सेफ्टी निरीक्षण के दौरान ट्रैक पर बोल्ट देख भड़के एडीआरएम

जंक्शन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ को लगाई फटकार, बालासोर हादसे के बाद रेल अफसर कर रहे हैं सेफ्टी निरीक्षण, वीआईपी रूम में सेफ्टी सेमिनार कर रेल कर्मियों को दिए टिप्स

बरेली: सेफ्टी निरीक्षण के दौरान ट्रैक पर बोल्ट देख भड़के एडीआरएम

बरेली, अमृत विचार: बालासोर में हुए हादसे के बाद रेल अफसर सतर्कता बरत रहे हैं। बुधवार को एडीआरएम परिचालन राकेश कुमार सिंह ने जंक्शन का सेफ्टी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेटिंग और सेफ्टी से जुड़े तमाम अधिकारियों के साथ पॉवर केबिन और यार्ड को गहनता से देखा। ट्रैक निरीक्षण के दौरान करीब पांच से छह इंच का बोल्ट खुला देखकर वह भड़क गए।

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उन्होंने सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेल पथ को जमकर फटकार लगाई। इन गलतियों से होने वाले संभावित हादसे के प्रति अगाह किया। उन्हें बताया गया कि ट्रैक पर काम किया जा रहा था, जिसकी वजह से बोल्ट ट्रैक पर रह गया होगा। इसके बाद वहां मौजूद रेलपथ विभाग के कर्मचारियों ने ट्रैक पर से बोल्ट को हटाया।

एडीआरएम ने वीआईपी रूम में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, स्टेशन अधीक्षक, सीएलआई की काउंसलिंग की, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीनियर डीओएम सुधीर कुमार सिंह भी जुड़े। ट्रेन संचालन के दौरान लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की भूमिका सबसे अहम होती है। लिहाजा लोको लॉबी में जाकर उन्होंने तमाम लोको पायलटों की काउंसलिंग की और सेफ्टी से जुड़े दिशा निर्देश दिए।

इसके बाद वह विशेष निरीक्षण यान से पीतांबरपुर और रसुइया में निरीक्षण करने के लिए रवाना हो गए। इस दौरान वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, मंडल परिचालन अधिकारी, स्टेशन अधीक्षक भानु प्रताप सिंह, सीएमआई सनत तरफदार, सीएचआई सलाउद्दीन अंसारी आदि मौजूद रहे। बीते दिनों औजार और पुर्जे रेलवे ट्रैक पर पड़े होने के कारण कई हादसे हुए थे। अलीगढ़ में हुई घटना में एक युवक को जान तक गंवानी पड़ी थी।

पॉवर केबिन में ली रेल कर्मचारियों की परीक्षा: पॉवर केबिन एक तरह से किसी भी स्टेशन का कंट्रोल होता है। स्टेशन और यार्ड में ट्रेनों की गतिविधियां यहीं से तय की जाती हैं। यार्ड में होने वाली शंटिंग से लेकर तमाम ट्रेनों के लिए रास्ता देने का काम जंक्शन पर यहीं से होता है। इस पूरी व्यवस्था को इंटरलॉकिंग सिस्टम कहा जाता है।

एडीआरएम पॉवर केबिन पहुंचे तो उन्होंने यहां ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों से ट्रेन संचालन के दौरान पैनल पर दी जाने वाली तमाम कमांड के बारे में पूछा। जरूरत पड़ने पर किसी भी लाइन से ट्रेन का क्रासओवर करने से लेकर किसी ट्रेन के लिए या शंटिंग कार्य के लिए बना हुआ रास्ता कैंसिल करना और फिर दूसरा रास्ता बनाने के बारे में पूछा। साथ ही उन्होंने सिग्नल ऑफ ( पीला या हरा सिग्नल देना) करने के बारे में जानकारी हासिल की। कुछ कर्मचारी इस दौरान हड़बड़ा गए तो उनको फटकार भी लगाई।

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