जम्मू-कश्मीर : भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए युवकों ने किया विरोध प्रदर्शन 

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Published By Om Parkash chaubey
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं में विभिन्न पदों के लिए आवेदन करने वाले सैकड़ों युवाओं ने शनिवार को यहां प्रदर्शन किया और मांग की कि प्रशासन भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करे।

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बैनर और तख्तियां लिए प्रदर्शनकारी युवक श्रीनगर में प्रेस एनक्लेव में एकत्र हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई राजनीतिक दल भी चयन प्रक्रिया को रद्द करने और मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों में से एक एजाज अहमद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छह महीने बाद भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आर के गोयल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। समिति का गठन पिछले साल दिसंबर में किया गया था। अहमद ने कहा, “हमें जानबूझकर चयन सूची से बाहर कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए...सरकार रिपोर्ट सार्वजनिक करने से क्यों हिचक रही है? हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले और (भर्ती) सूची को निरस्त कर दिया जाए।” राज्य सरकार द्वारा 2013 में एक विज्ञापन जारी किए जाने के बाद अग्निशमन सेवा के 870 पदों के लिए लगभग 60,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। भर्ती बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के आधार पर शारीरिक मानक परीक्षण के बाद 14,000 से अधिक उम्मीदवारों का चयन किया गया था।

हालांकि, बाढ़ के कारण 2014 में साक्षात्कार नहीं हो सके और 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी। उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने सरकार को भर्ती प्रक्रिया को नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश दिया। वर्ष 2018 में 14,000 उम्मीदवारों का शारीरिक परीक्षण किया गया था और उनमें से 7,000 उत्तीर्ण हुए तथा लिखित परीक्षा में शामिल हुए।

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के बीच अदालत के निर्देशों पर इसे फिर से रद्द कर दिया गया था। 20 सितंबर, 2020 को नए सिरे से परीक्षा आयोजित की गई और चयन सूची जारी की गई। अनियमितताओं और प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों एवं अनुत्तीर्ण उम्मीदवारों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा पिछले साल जुलाई में पुलिस उप-निरीक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने और मामले को सीबीआई को सौंपने के बाद अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग की चयन सूची को रद्द करने की मांग ने जोर पकड़ लिया।

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