बरेली: बंडिया गांव में कुत्तों का आतंक जारी, मासूम बच्ची को बुरी तरह नोचा, हालत नाजुक
बरेली,अमृत विचार। शहर से लेकर देहात तक आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अगर देहात की बात की जाए तो सबसे ज्यादा कुत्तों के हमले की घटना सीबीगंज में हो रही है। सीबीगंज के बंडिया में कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है, आज सुबह करीब 6 बजे घर के बाहर खेल रही मासूम को अकेला देख कुत्तों ने झपट लिया। जमीन पर पड़ी बेबस बच्ची को कुत्ते बुरी तरह नोच रहे थे, जब यह आसपास के लोगों ने देखा तो दौड़कर किसी तरह कुत्तों के झुंड से बच्ची को बचाया, जिसके बाद परिजनों ने बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
केस-1
सीबीगंज के बंडिया गांव के निवासी फरजंद अली की 10 वर्षीय बेटी चांदबी आज सुबह तकरीबन 6 बजे घर के दरवाजे से बाहर निकलकर अपने पिता के पास घर से चंद दूरी पर किराना की दुकान पर जा रही थी, तभी आचनक कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला बोल दिया। जब तक बच्ची को कोई बचा पाता तब तक गंभीर रुप के घायल हो चुकी थी।
बच्ची की चीख पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने किसी तरह बच्ची को कुत्तों के झुंड से बचाया। गंभीर बच्ची को परिजन तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस हमले से नगर निगम के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। बीते दिनों बंडिया नहर के पास कुत्तों के हमले से हुई बच्ची की मौत के बाद नगर निगम ने टीम को भेजा था, लेकिन खानापूर्ति करके दो-चार कुत्ते पकड़कर टीम लौट गई।
केस-2
वहीं दूसरी घटना शहर के थाना सुभाष नगर के मढ़ीनाथ में रहने वाले आर्किटेक्ट के साथ घटी। रोज की तरह वह मॉर्निंग वॉक में निकले हुए थे। इस दौरान कुत्तों ने उनपर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह घटना मढ़ीनाथ के रहने वाले आर्किटेक्ट प्रवीण शंखधार को सुबह टहलते समय कुत्तों ने हमला बोल दिया, जिससे वह घायल हो गए। वैसे तो हर रोज सुबह टहलने के लिए जाते हैं, लेकिन सुबह करीब छह बजे के आसपास कुत्तों ने हमला बोल दिया, किसी तरह उन्होंने अपने आप को बचाया। बता दें कि कई बार और भी लोगों को टहलते समय कुत्तों ने हमला बोला है, लेकिन नगर निगम ने इस ओर कोई गौर नहीं किया है।
6 मासूमों की जान ले चुके है खूंखार कुत्ते
सीबीगंज के बंडिया, खना गौटिया में बीते पांच माह के अंदर दो दर्जन बच्चों पर कुत्तों ने हमला बोला है, जिनमें से छह मासूमों की जान जा चुकी है। फिर भी नगर निगम के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। शहर में भी इस तरह की कई घटना हो चुकी है। जिसमें कुत्तों के हमले से लोग घायल हो चुके हैं। नगर निगम कुत्तों को पकड़ने के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है।
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