पीलीभीत: छुट्टा पशुओं का इतना आतंक, गोशाला में आश्रित गोवंश भी छोड़ने पड़ गए...जानिए पूरा मामला
पीलीभीत/बिलसंडा, अमृत विचार। एक तरफ सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं की समस्या का समाधान कराने और गोवंश को आश्रित करने के लिए शासन भारी भरकम बजट खर्च कर गोशालाओं का निर्माण करा रहा है। वहीं, निचले स्तर पर जिम्मेदारों की अनदेखी शासन की मंशा पर कुठाराघात कर रही है। इसकी एक और बानगी बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र में देखी गई। जहां विधायक द्वारा गोशाला का उद्घाटन किए 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन गोशाला में एक भी गोवंश नहीं है।
उद्घाटन के वक्त आश्रित किए गए चार गोवंश भी अव्यवस्थाओं के चलते वापस खुले में छोड़ दिए गए। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गौशाला निर्माण और संचालन के नाम पर सिर्फ बजट खपाने का खेल चल रहा है, किसी गोवंश बचाने से मतलब नहीं है।
बता दें कि छुट्टा पशुओं को लेकर किसान परेशान हैं। फसलों को बचाने के लिए जहां खेतों की मेड़ों पर तारों की फेंसिंग करानी पड़ रही है, वहीं पूरी रात जागकर रखवाली करने को भी मजबूर हैं। उधर, गोवंश भी संरक्षित नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता होने के बावजूद धरातल पर हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
ग्राम पंचायत चपरौआ कुइयां में गोवंश को आश्रय दिए जाने के लिए गोशाला बनाई गई। 31 मई को बीसलपुर से भाजपा विधायक विवेक वर्मा ने इसका उद्घाटन किया। उस वक्त चार गोवंश गोशाला में थे, लेकिन अब वह भी नहीं है। 18 बीत चुके हैं, लेकिन गोशाला में एक भी गोवंश नहीं पहुंचाया गया है।
प्रधान महेंद्र बाबू मौर्या का कहना है कि उद्घाटन के दिन चार गोवंश को आश्रय दिया गया था, लेकिन गौशाला में तार फेंसिंग नहीं है।इस वजह से रात में छुट्टा पशुओं का झुंड आ गया और जमकर उत्पात मचाया। इसमें एक गोवंश घायल भी हो गया। उसके बाद दूसरे दिन चारों गोवंश को छोड़ दिया गया। जब तक गौशाला में तार फेंसिंग नहीं हो जाती, तब तक गोवंश को आश्रय देना संभव नहीं है।
यह भी पढ़ें- पीलीभीत: जब घुइयां की फसल में पानी लगाने गए ग्रामीण का शव फंदे से लटका मिला..जानिए पूरा मामला
