प्रतापगढ़ : मीटर रीडर नहीं कर सकेंगे रीडिंग स्टोर करने का खेल
प्रतापगढ़, अमृत विचार। मीटर रीडर रीडिंग स्टोर करने का खेल नहीं कर सकेंगे। अब पांच किलोवाट से नौ किलोवाट तक कामर्शियल कनेक्शन के लगे मीटरों की मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआइ) के जरिए जांच होगी। अब तक 10 किलोवाट तक कनेक्शन की एमआरआइ होती थी।
शहर में चार विद्युत उपकेंद्र हैं। बाबागंज, रूपापुर, कादीपुर व दहिलामऊ। शहर में 30219 पंजीकृत उपभोक्ता हैं। इसमें कामर्शियल और इंडस्ट्रियल मिलाकर लगभग 4600 उपभोक्ता हैं। बिजली चोरी रोकने के लिए उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाया गया है। मीटर रीडिंग कर बिल तैयार करने के लिए मीटर रीडरों की तैनाती है। सभी मीटर रीडरों का रूट निर्धारित है, ताकि वह समय से रीडिंग कर बिल उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए और उपभोक्ता समय से बिल जमा कर सकें। इसके अलावा मीटर में छेड़छाड़, मीटर बाईपास सहित गतिविधि पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। मगर मीटर रीडरों की कार्य प्रणाली इससे इतर है। वह मीटर रीडिंग स्टोर कर मोटी कमाई करते है, या फिर बगैर रीडिंग के ही वह बिल बना देते हैं। जांच के दौरान इस तरह का मामला सामने भी आ चुका है और मीटर रीडरों पर कार्रवाई भी हो चुकी है।
ज्यादातर कामर्शियल व इंडस्ट्रियल कनेक्शन में वह ऐसा करते हैं। 10 किलोवाट या फिर इससे अधिक क्षमता वाले कनेक्शन में वह यह खेल नहीं कर पाते हैं। दरअसल इन श्रेणी के कनेक्शनों का साल में दो बार एमआरआइ होता है, जिसमें मीटर स्टोर, मीटर की खामियां सब सामने आ जाती हैं। मगर अब विभाग पांच किलोवाट से लेकर पांच किलोवाट तक के कनेक्शन की भी एमआरआइ होगी। वह भी सालभर में दो बार। इससे मीटर रीडरों के रीडिंग स्टोर का खेल समाप्त हो जाएगा। एसडीओ बाबागंज अजीत यादव ने बताया कि जल्द ही एमआरआइ की प्रक्रिया शुरू होगी।
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