काशीपुरः माह में कार्यालय 4 दिन देर से आने पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
काशीपुर, अमृत विचार। शासनादेश लागू होने के एक दशक बाद भी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों के गायब रहने तथा दौरों के बहाने कार्यालयों में न बैठने की आम जनता की शिकायतें बनी हुई हैं। जबकि इस संबंध में 30 जून 2009 से ही शासनादेश लागू है। उत्तराखंड के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को उपलब्ध कराई गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड के सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारी से सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों के मिलने के समय आदि की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में विभाग के लोक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी हर दयाल बुड़ाकोटी ने शासनादेश की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध कराई है।
30 जून 2009 को तत्कालीन मुख्य सचिव इन्दु कुमार पांडे के हस्ताक्षरों से जारी शासनादेश में कार्यालयों में समय से उपस्थिति के संबंध में न केवल कड़े आदेश जारी किए हैं, बल्कि देर से आने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध मौखिक व लिखित चेतावनी, आकस्मिक अवकाश काटे जाने तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश भी दिए हैं।
शासनादेश के अनुसार, सभी कार्यालयाध्यक्ष प्रति दिन कार्यालय समय से पूर्व पहुंचे। उपस्थिति पंजिका प्रतिदिन नामित अधिकारी प्रातः 10:15 बजे के उपस्थिति रजिस्ट्रर अपने पास मंगवाकर अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे और कार्यालय में देरी से आने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। महीने में 1 दिन देर से आने पर मौखिक चेतावनी, 2 दिन देर से आने पर लिखित चेतावनी, 3 दिन देर से आने पर एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटने, 4 दिन या अधिक देरी से आने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
नदीम ने बताया कि अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रभाव प्रदोन्नति, वेतन वृद्धि आदि विभिन्न सेवा संबंधी मामलों पर पड़ता है। दीर्घ दंड के अंतर्गत कर्मचारी अधिकारी को पद से डिमोशन, समय पूर्व रिटायरमेंट तथा बर्खास्तगी तक का दंड दिया जाता है।
कार्यालय के काम से बाहर जाने व दौरों का बहाना बनाकर कार्यालय में न बैठने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर भी इस शासनादेश में नकेल डालने का प्रावधान किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक कार्यालय में अनिवार्य रूप से क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर रखा जाएगा और क्षेत्र भ्रमण मीटिंग या व्यक्तिगत कार्य से बाहर जाने वाले कर्मचारी अधिकारी के बाहर जाने की इसमें अनिवार्य रूप से प्रविष्टि की जाएगी।
यह भी पढ़ें- हल्द्वानीः खड़े ट्रक से हजारों का डीजल चुरा ले गए चोर, रिपोर्ट दर्ज
