Ukraine war : निजी सैन्य समूहों से पुतिन को हो रहा फायदा, जानिए कैसे?
लंदन। यूक्रेन में रूस के युद्ध के सबसे उल्लेखनीय पहलुओं में से एक है निजी सैन्य कंपनियों पर मास्को की बढ़ती निर्भरता। हालांकि, यह बात भी अहम है कि निजी सैन्य समूहों पर नियंत्रण के क्रेमलिन के प्रयास उनकी आपसी प्रतिद्वन्द्विता खत्म नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन अंतत: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इससे फायदा ही हो रहा है। इस युद्ध में वैगनर ग्रुप का नाम बार-बार आया है, जो एक निजी सैन्य कंपनी है। येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में वैगनर ग्रुप जैसी ताकतों को सबसे भीषण लड़ाई का खामियाजा भुगतना पड़ा है, खासकर बखमुत के लिए खूनी लड़ाई के दौरान।
यहां उसने बड़ी संख्या में अपने लड़ाकों को खोया। जून 2023 में, रक्षा मंत्रालय ने जाहिर तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन से ऐलान किया कि वह इन अनियमित बलों और मिलीशिया यानी सशस्त्र समूहों को अपने नियंत्रण में लाएगा। हाल ही में संवाददाता सम्मेलन में, रूस के उप रक्षा मंत्री निकोलाई पानकोव ने इन निजी कंपनियों और इनसे संबद्ध लड़ाकों की तारीफों में कसीदे पढ़े। उन्होंने दावा किया कि इन समूहों में "मातृभूमि की रक्षा" करने के इच्छुक नागरिकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उन्होंने इनसे जुड़ने के तरीके के बारे में बताया।
इस घोषणा को, रूस को मानव संसाधन की तत्काल जरूरत और आम लोगों को सेना से अनिवार्य रूप से जोड़ने से बचने की उसकी इच्छा के संकेत के तौर पर देखा गया। इतना ही नहीं, इसे प्रिगोझिन और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के बीच तनातनी की एक और प्रमाण के तौर पर भी लिया गया। एक ओर जहां प्रिगोझिन ने नये अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया वहीं चेचन बलों के अखमात समूह ने अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में जरा भी विलंब नहीं किया। पानकोव की घोषणा महत्वपूर्ण है।
नवंबर 2022 में पुतिन द्वारा रक्षा नियमों में बदलाव पर हस्ताक्षर किए जाने तक स्थिति अलग थी। पूर्व में रूसी संघ के संविधान के अनुच्छेद 13 के तहत ‘‘नागरिक संघों के गठन, उनकी गतिविधियों, उनके लक्ष्यों आदि पर पूर्णत: प्रतिबंध था। संविधान के अनुच्छेद 71 में भी कहा गया है कि रक्षा, सुरक्षा, युद्ध, शांति, विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध आदि मुद्दे सरकार के विशेषाधिकार में आते हैं और इनमें निजी कंपनियां शामिल नहीं हो सकतीं। आपराधिक संहिता में भी भाड़े के सैनिकों की गतिविधि को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसमें "ऐसे सैनिकों की भर्ती, वित्तपोषण या उन्हें अन्य तरह के सहयोग" के साथ-साथ सशस्त्र संघर्ष में भाड़े के सैनिकों का उपयोग या उनकी भागीदारी शामिल है। रक्षा कानून में पुतिन के संशोधन से इसमें बदलाव होता दिख रहा है।
संशोधनों को शोइगु के 15 फरवरी 2023 के आदेश द्वारा लागू किया गया था, जिसमें निजी सैन्य संरचनाओं को हथियार, सैन्य उपकरण और रसद प्रदान करने के साथ-साथ सेवा की शर्तें निर्धारित करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी। रूस के भीतर निजी ताकतों के बढ़ते महत्व और स्वीकार्यता के संकेत मिले हैं। अप्रैल 2023 में, नोवोसिबिर्स्क के डिप्टी गवर्नर ने घोषणा की कि निजी सैन्य कंपनियों के कर्मचारी सेवाओं तक पहुंच के लिए यूक्रेन युद्ध के आधिकारिक सैन्य दिग्गजों को जारी किए गए पुनर्वास प्रमाणपत्र का उपयोग कर सकेंगे। रूसी मीडिया में ऐसी भी खबरें आईं कि देश भर के 42 शहरों में वैगनर भर्ती केंद्र खुल गए हैं। वैगनर समूह रूसी जेलों से भारी भर्ती करता है।
अनियमित सेनाओं की एक श्रृंखला यूक्रेन में सक्रिय है, जिनमें रमज़ान कादिरोव की चेचन सेनाएं, कादिरोवत्सी शामिल है। यह आधिकारिक तौर पर वैगनर, रेडुट, पैट्रियट और पोटोक जैसे निजी बलों के साथ-साथ रूसी नेशनल गार्ड (रोसग्वर्डिया) की कमान में आती हैं। विभिन्न समूहों में संसाधनों, वर्चस्व तथा अन्य कारणों को लेकर प्रतिद्वन्द्विता चलती रहती है। प्रिगोझिन और शोइगु के बीच वाकयुद्ध सर्वविदित है। दोनों एक दूसरे की आलोचना करने में कसर नहीं छोड़ते। हालांकि, ये मतभेद कुछ हद तक पुतिन के लिए फायदेमंद भी होते हैं। क्रेमलिन यूक्रेन में अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए एक ओर जहां सभी विकल्पों की जांच-परख कर रहा है, वहीं वह सेना में आम लोगों की अनिवार्य भर्ती का कदम भी टालना चाहता है। इसे देखते हुए निजी सैन्य कंपनियों को नियंत्रण में लेने से पुतिन को फायदा ही होगा।
