अयोध्या : भक्तों को संसार सागर से मुक्ति का बताया मार्ग, श्रीमद् देवी भागवत कथा का समापन

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । निवर्तमान महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के विद्याकुंड स्थित आवास पर चल रही नौ दिवसीय श्रीमद्देवी भागवत कथा के अंतिम दिन कथा की शुरुआत देवी गीतों से हुई। कथा व्यास रामवल्लभा कुंज के महंत रामशंकर वेदांती ने भक्तों को संसार सागर से मुक्ति का मार्ग बताया। मनुष्य का जीवन भगवत कृपा से मिला है। इसका उपयोग हमें संसार सागर से मुक्ति के लिए करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए भगवत नाम का स्मरण जरूर करना चाहिए। जब जन्म जन्मांतर, कल्प कल्पांतर का पुण्य उदय होता है तो भगवान की कथा श्रवण करने का अवसर मिलता है। कहा कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य भव सागर को पार करना है।

उन्होंने बताया कि भगवान की प्राप्ति का उपक्रम कर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। कथा सुनकर जन्ममृत्यु से छुटकारा पाया जा सकता है। कथा समापन पर व्यास पीठ व देवी भागवत की आरती की गई। बीच बीच में भजन श्रृंखला की प्रस्तुतियों से भक्त भावविभोर होते रहे।

रंगमहल के पीठाधीश्वर महंत राम शरण दास, श्रीराम वल्लभाकुंज के अधिकारी राज कुमार दास, जानकी कुंज स्वर्गद्वार के महंत वीरेंद्र दास, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, महंत उद्धव शरण, हरभजन दास, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, शैलेंद्र मोहन मिश्र, आशीष मिश्रा मौजूद रहे।

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