कासगंज: अभी से मिलन को आतुर हैं पतित पावनी की दो धार, तीसरी का रुख अलग, जानिए क्या है मामला

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Published By Vikas Babu
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अलीगढ़ जिले की सीमा से निकलने के बाद कासगंज में घुसते मिलने के लिए कर रही कटान

कासगंज, अमृत विचार। पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में बारिश शुरू हो गई है। पहाड़ों पर तेज बारिश के कारण बैराजों का पानी गंगा नदी में तेजी के साथ छोड़े जाने लगा है, लेकिन इस बीच विशेष सर्वेक्षण में स्थिति सामने आ रही है कि अभी जलस्तर कम होने पर भी गंगा की दो धार एक दूसरे से मिलने का आतुर है। बदायूं जिले की ओर से गुजरने वाली धार कासगंज की धार में मिलने का बेताव दिख रही है। अलीगढ़ की सीमा से निकलने के बाद कासगंज में घुसते ही दोनों धारों के बीच बने टापू पर कटान होने लगा है। यदि अभी से संजीदगी नहीं दिखाई गई तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

जिले की सीमा में गांव अल्लीपुर बरबारा से निकलने के बाद गंगा नदी दो धारों में बहती है। एक धार बदायूं की ओर निकली है तो दूसरी धार कासगंज की ओर है। कासगंज की ओर से निकलने वाली धार गांव महमूदपुर पुख्ता से कुछ दूर पहले दो धारों में बंट जाती है, लेकिन महमूदपुर पुख्ता की ओर निकलने वाली यह तीसरी धार कमजोर है।

यहां पानी बहाव तेज नहीं होता है। इस वर्ष बदायूं, कासगंज के बीच बनी तीनों की धारों में सबसे तेज बहाव बीच की धारा में है। क्योंकि बदायूं की ओर सिल्ट जमा होने के कारण गंगा का रुख पिछले वर्ष भी कासगंज की ओर बना रहा और इस वर्ष भी तेज बहाव वाली धार कासगंज की ओर है।

इस बीच ग्रामीणों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अभी से बाढ़ एवं कटान से निपटने की तैयारियां की हैं , लेकिन सर्वेक्षण में पता चला है कि अल्लीपुर बरबारा से बंटकर बदायूं और कासगंज की सीमा में अलग अलग बह रही यह धार मिलन को आतुर है।

सीमा से कुछ दूरी पर टापू बन गया है और इस टापू पर बदायूं की ओर से बह रही धार कटान  कर रही है, लेकिन यह पूरा ही दायरा कासगंज सिंचाई विभाग की हद में है। यदि बदायूं की ओर बह रही धार कासगंज की धार से मिल गई तो आने वाले समय में जलस्तर बढ़ जाएगा तो निश्चित ही परिणाम घातक हो जाएंगे। क्योंकि पिछले साल भी कासगंज की धार की बहाव तेज था और गांव बरौना गंगा में समाते समाते बचा। इसके अलावा और भी कई गांव खतरे के मुहाने पर रहे।

तो इस बार सुरक्षित हो जाएंगे यह गांव
पिछले साल बरौना गांव में कटान हुआ। यहां लगभग तीन करोड़ की लागत से जियो ट्यूब बनाए जा रहे हैं जिनका कार्य लगभग पूरा हो गया है। इसके अलावा महमूदपुर पुख्ता, नगला शंभू और मिहोला में भी कार्य कराए गए हैं, लेकिन यदि बदायूं-कासगंज की धार एक हो गई तो कराए गए कार्यों की मजबूती बनाए रखना चुनौती होगी और कासगंज जिले की सीमा के अन्य गांव भी बाढ़ एवं कटान की समस्या से घिर जाएंगे।

फिर छोड़ गया पानी, लेकिन अभी खतरा नहीं
गंगा नदी में बैराजों से फिर पानी छोड़ दिया गया है, लेकिन कासगंज की सीमा में आते आते पानी अभी फैल रहा है जिससे फिलहाल अभी बाढ़ का खतरा नहीं है, लेकिन महमूदपुर पुख्ता के समीप दो धारों के बीच बने टापू पर शुरू हो रहा कटान बेहद चिंता का विषय बना हुआ है।

आंकड़े की नजर से :
- 30285 क्यूसेक पानी हरिद्वार बैराज से छोड़ा गया
-  24464 क्यसेक पानी बिजनौर बैराज से छोड़ गया
-  35320 क्यूसेक पानी नरौरा बैराज से छोड़ा गय
- 163.10 मीटर कछल गंगा नदी पर पानी का गेज

जानकारी मिली है महमूदपुर पुख्ता के समीप अलग अलग दो धार बहती हैं वहां कुछ कटान की स्थिति बन सकती है। संबंधित अवर अभियंता को मौके पर भेजकर स्थिति दिखवा रहे हैं। बाढ़ और कटान से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्कता है। फिलहाल कोई खतरा नहीं है---अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई।

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