रामपुर : सरकारी स्कूल में सुविधाएं निजी स्कूलों जैसी, वेतन खर्च कर कराया विकास

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Published By Bhawna
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ब्लॉक स्वार का कंपोजिट अपर प्राइमरी कन्या को बना दिया मॉडल स्कूल, 2015 में बतौर प्रधानाध्यापक के रूप में हुई थी डॉ. राजवीर सिंह की तैनाती

कंपोजिट मॉडल अपर प्राइमरी स्कूल का मुख्य द्वार और स्कूल में बच्चों के लिए बनी प्रयोगशाला।

रामपुर, अमृत विचार। "बिलासपुर का सरकारी स्कूल प्राइवेट को दे रहा मात, हेड मास्टर ने बदल दी तस्वीर" नामक शीर्षक से 30 जून के अंक में एक खबर प्रकाशित हुई, जिसे पाठकों ने खूब सराहा। अध्यापकों ने भी प्रशंसा की। इसी को देख शुक्रवार को ब्लॉक स्वार का कंपोजिट मॉडल अपर प्राइमरी कन्या स्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ. राजवीर सिंह ने भी अपने द्वारा स्कूल में कराए गए कार्यों के बारे में अमृत विचार को अगवत कराया। 

उन्होंने बताया, वह प्रत्येक वर्ष की एक माह की सैलरी स्कूल में लगा देते हैं। 2015 में उनकी तैनाती बतौर प्रधानाध्यापक के रूप में हुई थी। उस समय स्कूल जर्जर हालत में था। स्कूल का फर्श टूटा हुआ था। छात्रों की संख्या 103 थी। बच्चे भी ड्रेस में नहीं आते थे। इन सबके चलते बच्चों में शिक्षा का स्तर भी निम्न रहता था। इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रधानाध्यापक ने अपनी सैलरी से रुपये खर्च शुरू किए। धीरे-धीरे विद्यालय का सौंदर्यीकरण होता चला गया। कक्षों के साथ ही प्रांगण में टाइल्स लगवाई गईं। पौधे भी लगवाए गए।

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विद्यालय में स्मार्ट टीवी के साथ प्रोजेक्टर भी लगवाया। यहां तक कि बच्चों को गर्मी न लगे इसके लिए एक इनवर्टर और सोलर पैनल भी लगवाया गया। जिसके बाद इस स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्ज दिया गया। प्रधानाध्यापक बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला अधिकारी के हाथों बेस्ट शिक्षक का सम्मान भी पा चुके हैं।

गरीब बच्चों की करते हैं मदद
शिक्षक राजवीर का कहना है कि वह गरीब बच्चों की मदद करते हैं। जिन बच्चों के पास ड्रेस नहीं होती है वह अपने पैसों से उन बच्चों को ड्रेस लाकर देते हैं। ताकि वह बच्चा अन्य बच्चों से अलग नहीं लगे। 190 बालिकाएं भी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ ही अनुशासन पर खास जोर दिया जाता है। सारे बच्चे यूनिफॉर्म में आते हैं। विद्यालय में नियमित रूप से प्रार्थना और योगा कराया जाता है।

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स्कूल में कई प्रकार के आयोजित होते हैं खेल
स्कूल को सबसे अलग दिखाने के लिए पुस्तकालय, वालीबॉल नेट, बैडमिंटन के कोर्ट के साथ बास्केट बॉल स्टैंड लगवाए हैं। बच्चे अपनी रुचि एवं योग्यता के अनुसार खेलों में प्रतिभाग कर सकें। बच्चों का शैक्षिक स्तर भी काफी अच्छा है। यहां पढ़ने वाले बच्चे अभिनव, अल्तमस, जीशान एवं रहनुमा तो अंग्रेजी में बात करते हैं। 

छात्र नामांकन संख्या 103 से बढ़कर 327 हो गई है। वह पिछले तीन साल से हर साल में एक माह की सैलरी स्कूल में लगाते चले आ रहे हैं। - डा. राजवीर सिंह, इंचार्ज।

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