बरेली: 24 घंटे में 64 सेमी बढ़ा रामगंगा का जलस्तर, कालागढ़ और भाखड़ा डैम से छूटा पानी तो खतरे का निशान कर जाएगा पार
अफसर बोले, पांच से छह दिन तक इसी तरह हुई बारिश तो बढ़ जाएगा खतरा
बरेली, अमृत विचार: पहाड़ों पर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से रामगंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। बीते 24 घंटों में जलस्तर 158.860 से बढ़कर 159.500 मीटर तक आ गया है। हालांकि यह खतरे के निशान से तीन कम है। अधिकारियों के मुताबिक जिले की अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बारिश के बावजूद अभी सामान्य है। 5 से 6 दिन इसी तरह बारिश होने पर खतरे की आशंका जताई है।
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जिले में दो साल पहले मैदानी इलाकों में तेज बारिश के साथ ही कालागढ़ आदि डैम खोल दिए गए थे। जिससे बरेली के 72 गांवों प्रभावित हुए थे। हजारों किसानों की फसल खेतों में ही सड़ गई थी तो कई घर गिर गए थे। बड़े पैमाने पर हुई दिक्कतों से निपटने के लिए हुए पिछले साल की तरह इस बार भी जिला प्रशासन ने सभी संभावित प्रयास अभी से शुरू कर दिए हैं।
पहाड़ों पर तेज बारिश देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ खंड के एसडीओ अमित किशोर के मुताबिक रामगंगा का जलस्तर चौबारी गेज पर 159.500 मीटर दर्ज किया गया है। 162.07 मीटर पर अलर्ट जारी होगा। हालांकि, अभी रामगंगा खतरे के निशान से करीब तीन मीटर कम है। यह भी बताया रामगंगा से मिलने वाली मुख्य रूप से भाखड़ा, कालागढ़ डैम आदि से अभी पानी नहीं छोड़ा गया है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष तैयार, शरणालय चिह्नित: आपदा प्रबंधन के तहत रामगंगा पर 24 घंटे निगरानी के लिए जल स्तर मापक यंत्र सुचारू है। जिला मुख्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी तैयार है। आपदा के दौरान लोगों को अस्थायी ठहराने, खान-पान की व्यवस्था के साथ चार शरणालय चिह्नित हैं। सदर क्षेत्र में पांच बाढ़ चौकियां हैं। जरूरत पर नाव व मोटरबोट भी तैनात की जाएंगी।
कालागढ़ बांध से पानी छोड़ने पर विचार: पहाड़ों पर तेज बारिश की वजह से कालागढ़ बांध से किसी भी समय पानी को रामगंगा के लिए छोड़ा जा सकता है। इस पर अभी विभाग की ओर से योजना बनाई जा रही है। हालांकि स्थानीय स्तर पर अधिकारी अभी कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है।
बाढ़ खंड के एक्सईएन राजेंद्र कुमार का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तब भी चार से पांच दिनों में रामगंगा का जलस्तर बढ़ेगा। अगर ऐसा होता है तो सबसे अधिक रामगंगा से सटे भगवान पुर, सरदार नगर, कोहनी, फिरोजपुर, जगतपुर, त्रिकुनिया, रूकमपुर, बल्लिया जैसे गांव प्रभावित होंगे।
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