अयोध्या: खर्च हुए सरकारी धन का हिसाब बैठाने में शिक्षकों को आ रहा पसीना

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Published By Deepak Mishra
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पठन-पाठन की बजाय ऑडिट को लेकर चिंता में शिक्षक, सोहावल खंड शिक्षा क्षेत्र में चल रहे 169 विद्यालय

सोहावल, अयोध्या/अमृत विचार। छुट्टियों के बाद खुले परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन का काम शुरू हो गया है। विद्यालयों के शिक्षक बच्चों की संख्या बल व पठन-पाठन में रुचि लेने की बजाय अपने ऑडिट को लेकर ज्यादा गंभीर दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि कई महीनों पहले खर्च किए गए सरकारी धन के बिलों का सामंजस्य बिठाने में विद्यालयों के इंचार्ज और प्रधानाध्यापकों को पसीना आ रहा है। अब वह विद्यालय छोड़ कर दुकानदारों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।     

खंड शिक्षा क्षेत्र सोहावल मवई व रुदौली की आडिट शासन स्तर से 15 जुलाई को होना तय किया गया है। आडिट करने वाले अधिकारियों की टीम तय कर दी गई है। सोहावल खंड शिक्षा क्षेत्र में प्राथमिक और कंपोजिट मिलाकर 169 विद्यालय चल रहे हैं, जिनमें बच्चों की पठन-पाठन सामग्री शिक्षकों के उपयोगी रजिस्टर कुर्सी, मेज, आलमारी, पंखा, चटाई, दरी,  तेल-साबुन-तौलिया, चाक, डस्टर, बाल्टी, डस्टबिन सहित अनेक उपयोगी सामानों की खरीदारी की गई है।

इसके अलावा खेल किट पर 6 हजार की धनराशि हर वर्ष खर्च की जाती है। मध्यान्ह भोजन विद्यालय रंग रोगन मेंटिनेंस खाता अलग से चलता है। संख्या बल में करीब एक छोटे विद्यालय से भी पचास हजार से अधिक की खरीददारी बताई जाती है। इस वर्ष शासन की ओर से स्कूलों की ऑडिट पारदर्शी और कड़ाई से कराने का निर्देश जारी किए जाने के बाद शिक्षकों में हलचल मची है। खरीद और सामानों की उपलब्धता पूरी करने में इंचार्ज शिक्षकों को पसीना आ रहा है।

खंड शिक्षा अधिकारी यज्ञ नारायण का कहना है कि यह आडिट हर वर्ष कराई जाती है, इस वर्ष भ्रष्टाचार की कुछ शिकायतों को लेकर शासन गंभीर हुआ है तो व्यवस्था कड़ी बनाई गई है। 15 जुलाई ऑडिट की तारीख तय की गई है। गड़बड़ी मिलेगी तो कार्रवाई भी होगी।

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