मुरादाबाद : पुलिस की लापरवाही हुई उजागर, बगैर हथकड़ी मेडिकल को आया पॉक्सो एक्ट का आरोपी

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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लापरवाही : अभियुक्त की सेवा में लगे पुलिसकर्मियों की कारगुजारी सार्वजनिक, मैनाठेर थाने से जिला अस्पताल आया था पॉक्सो एक्ट का अभियुक्त 

मुरादाबाद, अमृत विचार। अभियुक्तों को शर्त के साथ कारागार, अस्पताल और निर्धारित स्थान पर ले जाने में पुलिस की लापरवाही हर दिन सुर्खी बन रही है। मैनाठेर पुलिस द्वारा आरोपी के मेडिकल परीक्षण, उसके साथ की सर्तकता की चूक चर्चा में है। इस प्रकरण का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। 

 वीडियो में दिख रहा है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में दो पुलिसकर्मी पहले से खड़े हैं, फिर एक जवान अभियुक्त को लाकर डॉक्टर केबिन में प्रवेश करता है। इस दौरान एक व्यक्ति मोबाइल से वीडियो बनाते दिख रहा है। उस बीच अभियुक्त पुलिसकर्मियों के पीछे खड़ा होकर अन्य लोगों से बातचीत कर रहा है। उधर, एक और पुलिसकर्मी डॉक्टर केबिन में प्रवेश करता है। अभियुक्त डॉक्टर के पास आकर कागज पर अंगूठा लगाते वीडियो में नजर आ रहा है। इसी दौरान काली सदरी में एक अन्य व्यक्ति भी डॉक्टर केबिन में आता है और वीडियो बना रहे व्यक्ति को धमकाते दिख रहा है। 

सदरीधारी व्यक्ति उस आदमी से वीडियो डिलीट कराता है। इधर, डॉक्टर बिना किसी मेडिकल परीक्षण किए ही अभियुक्त से कागज पर अंगूठा लगवाते दिख रहा है। इस दृश्य के बाद डॉक्टर के केबिन से अभियुक्त, चारों पुलिसकर्मी व अन्य व्यक्ति निकल जाते हैं। वीडियो 3:07 मिनट का है। वायरल वीडियो जिला अस्पताल के सीसी कैमरे का होना बताया जा रहा है।

वायरल वीडियो का सच...
वायरल वीडियो की पड़ताल में स्पष्ट हुआ कि मामला मैनाठेर थाने का है। 19 जुलाई के दिन पुलिसकर्मी पॉक्सो एक्ट के अभियुक्त उस्मान का मेडिकल परीक्षण कराने जिला अस्पताल आए थे। उस्मान को बुधवार को दरोगा कामिनी शर्मा ने हमराही कांस्टेबल शैलेंद्र सागर व होमगार्ड राहुल कुमार की मदद से गागन तिराहे से गिरफ्तार किया था। 44 वर्षीय उस्मान पॉक्सो एक्ट एवं मारपीट का आरोपी है, वह मैनाठेर कस्बे का ही रहने वाला है। जानकार बताते है कि अभियुक्त के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट उस दशा में लगता है जब पीड़ित लड़की 18 वर्ष की आयु से कम वाली हो। 

आईपीसी की धारा-452/354/323/504/506 सामान्य हैं। इसमें अभियुक्त का सामान्य मेडिकल परीक्षण होता है। हथकड़ी इसलिए लगाई जाती है कि मुल्जिम भाग न जाए। कोर्ट में पेश करने के दौरान हथकड़ी खोली जाती है। यदि बिना हथकड़ी के मुल्जिम है तो पुलिस की लापरवाही है। अब आरोप चाहे छोटा हो या बड़ा, आरोपी-आरोपी है।- मनोज कुमार, थानाध्यक्ष-मैनाठेर

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