मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा पर राज्यसभा में हंगामा, गोयल और खड़गे के बीच नोकझोंक

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Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा को लेकर मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल एवं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच नोंकझोंक हुई। खरगे ने इस मुद्दे पर चर्चा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग की वहीं गोयल ने कहा कि विपक्ष शासित विभिन्न राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध मुद्दे पर भी सदन में चर्चा की जाएगी।

उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू होने पर भी स्थिति पहले जैसी ही रही और विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग करने लगे। विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की भी मांग कर रहे थे।

हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल चलाया और कुछ सदस्यों ने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए। प्रश्नकाल में ही नेता प्रतिपक्ष खरगे ने मणिपुर की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संबंध में करीब 50 सदस्यों ने नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य चार दिन से लगातार चर्चा की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार तैयार नहीं है।

सदन के नेता गोयल ने खरगे की बात का प्रतिकार करते हुए कहा कि किसी भी महिला के साथ अत्याचार होता है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर चर्चा चाहती है। गोयल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति स्पष्ट करेंगे लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा क्योंकि वह अपनी विफलता को छिपाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री चर्चा के लिए तैयार हैं और वह दूध का दूध, पानी का पानी करेंगे। खरगे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है और वहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और मकान जलाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष मणिपुर की बात कर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री बाहर में ईस्ट इंडिया कंपनी की बात कर रहे हैं।

खरगे की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए गोयल ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री स्थिति स्पष्ट करेंगे लेकिन विपक्ष इस संवेदनशील विषय पर चर्चा नहीं कर रहा क्योंकि वह अपनी विफलता को छिपाना चाहता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध एक संवेदनशील विषय है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष संवेदनशील होता तो वह इस विषय पर तुरंत चर्चा करता। लेकिन वह चार दिन से समय की बर्बादी कर रहा है। गोयल ने कहा, ‘‘हम महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को उजागर करना चाहते हैं...देश में जो हो रहा है, उससे हम चिंतित हैं। हम चाहते हैं कि राज्य सरकारें जवाबदेह बनें।" 

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