भाजपा को हम जीता कर देंगे 37 सीट : संजय निषाद
अमृत विचार कार्यालय पहुंचे कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने किया दावा
बोले, अपने सिंबल पर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, 37 सीट के लिए जतायी दावेदारी
अजय दयाल
अमृत विचार, लखनऊ । कैबिनेट मंत्री संजय निषाद बाहर से भले शांतचित्त व्यक्तित्व के धनी नजर आते हों पर भीतर से वह निषाद समाज से जुड़ी समस्याओं और उनके उत्थान को लेकर चिंता से भरे हैं। उनकी बातों, विचारों में यह चिंता महसूस की जा सकती है। बतौर राजनीतिज्ञ संजय निषाद जहां अपने समाज की व्यवस्था में 18 प्रतिशत भागीदारी का मुद्दा उठाते हैं वहीं मछुआ समुदाय के आरक्षण संबधित संवैधानिक प्रमाणित दस्तावेज के इतिहास के पन्नों से गायब हो जाने का दर्द भी बयां करते हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की सहयोगी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद बुधवार को दैनिक अमृत विचार के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश-
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चर्चा चली तो संजय निषाद बोले, उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन सभी 80 सीट जीत लेगा। उन्होंने इसके लिए 37 सीट पर निषाद पार्टी की अहम भूमिका निभाने का दावा किया। कहा कि 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को हमारा संगठन तैयार है। इतनी सीटों पर तो हम बूथ लेवल तक पकड़ रखते हैं। अन्य जिलों में भी ब्लॉक लेवल तक हमारी सक्रियता है। लोकसभा हम अपने सिंबल पर लड़ेंगे। संजय निषाद के मुताबिक, भाजपा 2019 के चुनाव में जिन सीटों पर हारी थी वो सभी हमें दे दे। हम उन्हें जीतकर दिखा देंगे।
बातचीत आरक्षण पर टिकी तो कैबिनेट मंत्री ने कहा, उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने शिल्पकार समुदाय को आरक्षण दिया है। उन्हें एक जाति के रूप में नहीं बल्कि जातियों के समूह के रूप में माना जा रहा है और कुम्हार, प्रजापति और कमकर सहित जातियों की एक सूची बनाई गई है। ये शिल्पकार समुदाय की उपजातियां हैं। ठीक ऐसा ही उप्र. में भी होना चाहिए, ताकि मझवार को एक जाति के रूप में नहीं बल्कि केवट और मल्लाह समेत जातियों के समूह के रूप में माना जाए। इसी क्रम में उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सकारात्मक पहल करने की उम्मीद भी जतायी।
उनका तर्क रहा कि 1961 में जनगणना के लिए केंद्र सरकार ने एक मैनुअल सभी राज्य सरकारों को भेजा था।जिसमें कहा गया था कि केवट, मल्लाह जाति को मझवार में गिना जाए। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कुछ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की अधिसूचना भेजी थी। ऐसे में पिछले 70 सालों में निषादों को कभी एससी में शामिल किया गया, तो कभी पिछड़ा वर्ग में गिना गया। बहरहाल, भविष्य में भी इसका रास्ता उप्र. स्तर से ही प्रशस्त किया जा सकता है।
बातचीत के दौरान संजय निषाद फूलन देवी का नाम लेना भी न भूले। कहा कि, पूर्व सांसद की संपत्ति को सपा के नेताओ से मुक्त करके उनकी मां को सौंप दी जानी चाहिए। संजय निषाद के मुताबिक, फूलन देवी की हत्या की जांच सीबीआई से करायी जाए और इसके अलावा उनके नाम पर हर जिले में एक सेल्फ डिफेंस सेंटर भी खोला जाना चाहिए।
अमृत विचार प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए संजय निषाद ने हाल ही में एनडीए में शामिल हुए सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को “अपने ओपी भाई” कह कर संबोधित किया और उनके बारे में बस इतना ही कहा कि वे एनडीए सीटें तो बढ़ाएंगे ही। वहीं, उन्होंने भाजपा से निषाद पार्टी को किया वादा पूरा करने की उम्मीद भी जतायी। बोले, समाज हमारे साथ एकजुट है, 2017, 18, 19 में हमने इसे साबित भी किया। सपा, बसपा के एक होने के बाद भी अगर हम भाजपा के साथ खड़े होकर सबके वोटों पर भी भारी हैं, तो हम चाहेंगे कि जनता के भरोसे का सम्मान हो और गठबंधन धर्म निभाया जाय।
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