रायबरेली : स्कूलों में बढ़ रहा Eye Flu, एहतियात नदारद
शहर के एक स्कूल में कई बच्चे कंजंक्टिवाइटिस वायरस से बीमार
रायबरेली, अमृत विचार। भीषण उमस के कारण इन समय आंख का फ्लू तेजी से बढ़ रहा है। अब यह फ्लू स्कूलों में पहुंचने लगा है। शहर के एक स्कूल में कई बच्चे आई फ्लू का शिकार हो गए तो स्कूल में हंड़कंप मच गया। बच्चों को प्रधानाचार्य ने घर भेज दिया। यह घटना किसी एक स्कूल की नहीं है। शहर से लेकर गांव तक स्कूलों में बच्चों को आई फ्लू हो रहा है। वहीं एहतियात का कोई प्रबंध नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर कोई गाइडलाइन भी जारी नहीं की गई है। वहीं अभिभावक भी सुरक्षा कारणों की अनदेखी कर रहे हैं। हालांकि कुछ स्कूलों की आंखों का शिविर भी लगाया जा रहा है।
सबसे बुरी दशा सरकारी स्कूलों की है। जहां पर बच्चों की आंखों के रोग को देखने वाला कोई नहीं है। गुरुवार को रायबरेली शहर के एक स्कूल में आंखों के फ्लू का कहर बच्चों पर बरपा। विद्यालय के कक्षा 9,10,11 के छात्रों एक साथ कंजंक्टिवाइटिस वायरस से ग्रसित पाए गए। शहर के नेहरू नगर स्थित स्कूल में एक दर्जन छात्रों के साथ एक अध्यापिका कंजंक्टिवाइटिस वायरस से ग्रसित हो गयी हैं। सभी को स्कूल से छुट्टी दे दी गई। स्कूल के प्रिंसिपल की मनमानी के चलते स्कूल को खोला जा रहा है। हाल यह है कि स्कूल में बहुत से बच्चों को आंख का प्लू है। वहीं इस मामले को प्रिंसिपल ने दबाने की कोशिश की है। वहीं दूरभाष के माध्यम से स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल के एक दर्जन छात्र व एक टीचर कंजंक्टिवाइटिस वायरस से ग्रसित होने के कारण सभी को स्कूल से छुट्टी दे दी गई।
यह मामला शहर के किसी एक स्कूल का नहीं है। अधिकतर स्कूलों में बच्चे कंजंक्टिवाइटिस वायरस से पीड़ित है। ऐसे में कुछ चश्मा लगाकर स्कूल आ रहे हैं तो अधिकतर बिना किसी एहितयात के स्कूल आ रहे हैं। इसमें अभिभावक भी कम दोषी नहीं हैं। बीमार होने के बाद भी बच्चे को स्कूल भेजते हैं जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक शिक्षा विभाग द्वारा भी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। वहीं कुछ स्कूलों ने पहल की है जिसके चलते बच्चों की आंखों की जांच की जा रही है।
लालगंज में न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल में आंखों का शिविर लगाया गया था। जिसके जरिए बच्चों की आंखों की जांच की गई थी। नेत्र सर्जन डॉ. नीलम का कहना है कि आंख के फ्लू होने पर सावधानी बरती जाए तथा पांच दिन तक यदि बाहर संपर्क न रखा जाए तो यह ठीक हो जाता है। यह एक संक्रमण है जिसे दवा और एहतियात से ही फैलने से रोका जा सकता है।
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