Lata Mangeshkar Memories : लंदन का ऐतिहासिक रॉयल अल्बर्ट हॉल फिर लता मंगेशकर के गीतों से गूंजा 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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लंदन। लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर के लाइव कंसर्ट के करीब 49 साल बाद इस ऐतिहासिक स्थल पर एक बार फिर उनके गीत गूंजे। आयोजकों ने लता को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित विशेष संगीत कार्यक्रम में उनके लोकप्रिय गीत बजाये। ‘लता मंगेशकर : बॉलीवुड लीजेंड’ कार्यक्रम ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ (बीबीसी) के मशहूर ऑर्केस्ट्रा संगीत कार्यक्रम ‘प्रोम’ के वार्षिक समारोह का हिस्सा है। लता के गानों के जरिये आमतौर पर पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के लिए समर्पित इस कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने का प्रयास किया गया है, ताकि भारतीय समुदाय भी इसकी ओर आकर्षित हो। 

‘प्रोम 18’ में शुक्रवार रात लता के उन गीतों की गूंज भी सुनाई दी, जो उन्होंने मार्च 1974 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में गाए थे। इनमें ‘ऐ मेरे वतन के लोगो...’ और ‘आएगा आने वाला आएगा...’ शामिल हैं।

कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाली गायिका पलक मुच्छल ने कहा, ‘‘भारतीय संगीत की एक ऐसी दिग्गज गायिका, जिन्हें दुनियाभर में सराहा जाता है, उन्हें श्रद्धांजलि देना मेरे लिए बहुत खास पल है। पार्श्व गायिका और समाजसेवी मुच्छल ने 1978 में प्रदर्शित फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के शीर्षक गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड की लोकप्रिय फिल्मों, मसलन ‘मुगल-ए-आजम’, ‘कभी-कभी’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से लेकर ‘कभी खुशी कभी गम’ तक के गाने गाए।

बीबीसी प्रोम ने एक बयान में कहा, ‘‘एक शाम सात दशक के शानदार करियर की सिर्फ एक झलक दिखा सकती है। एक ऐसा करियर, जिसमें उन्होंने अनगिनत फिल्मों में करीब 50,000 गीत गाए। लता की न केवल आवाज मधुर थी, बल्कि उन्होंने 36 अलग-अलग भाषाओं में भावनाओं की अभिव्यक्ति करने में इसका इस्तेमाल किया, जिसने उन्हें ‘भारत की स्वर कोकिला’ का तमगा दिलाया।’’ वार्षिक प्रोम में यह एक दशक से भी अधिक समय बाद पहला मौका था, जब दर्शक बॉलीवुड की धुनों पर थिरके। लता का पिछले साल फरवरी में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनका मुंबई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। 

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