मुरादाबाद : बिना नक्शा, भू-प्रयोग की अनदेखी कर निर्माण संभव नहीं, एमडीए की सचिव अंजू लता की दो टूक 

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Published By Bhawna
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एमडीए सचिव अंजू लता से बातचीत : किसानों से भूमि अधिग्रहण की बात अपूर्ण, विभाग ने स्वामित्व में किसी तरह की शिकायत को लेकर की थी पूछताछ 

आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) की सचिव अंजू लता नियोजित निर्माण के मुद्दे पर दो टूक राय रखती हैं। कहती हैं कि अवैध निर्माण हर हाल में नहीं होने देंगे। नियमों की अनदेखी कर हुए हर तरह के निर्माण सील या ध्वस्त करा दिए जाएंगे। बेहतर और सुनियोजित विकास सरकार की मंशा है, ऐसे में नियमों की अनदेखी करने वाले सचेत हो जाएं।

सोमवार को अमृत विचार से बातचीत में एमडीए सचिव ने नियोजित विकास की प्रतिबद्धता जताई। कहा, हम अवैध निर्माण को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। इसीलिए हर दिन सुबह 10 बजे प्रवर्तन से जुड़े सभी सदस्य बैठक करते हैं। अभियान की समीक्षा की जाती है। इंजीनियरिंग विभाग भी उसमें शामिल रहता है। बैठक में मेट से लेकर सहायक अभियंता तक के दिन भर की फील्ड रिपोर्ट पर चर्चा होती है। शिकायतों के निस्तारण और बिना नक्शा निर्माण को लेकर अभियान के तौर पर काम शुरू हैं। इसीलिए हर कार्य दिवस में एक घंटे प्रवर्तन की समीक्षा होती है। सुनियोजित विकास के योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के मुद्दे पर हम चर्चा करते हैं।

मंजू लता कहती हैं कि शिकायतों का निस्तारण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसीलिए आईजीआरएस से लेकर सामान्य शिकायत, चिट्ठी-पत्री को ध्यान से निस्तारित किया जाना है। शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर हमारी राय स्पष्ट है। जबकि किसी भी कीमत पर एमडीए परिक्षेत्र में अवैध निर्माण नहीं होने देंगे। प्रस्तावित योजनाएं और लंबित कार्य हमारी समीक्षा के नियमित विषय हैं। हम हर शिकायत के स्थलीय सत्यापन के पक्षधर हैं। इसी व्यवस्था पर कार्य किया जाएगा। वह कहती हैं कि 11 गांव के 1250 हेक्टेयर भूमि के स्वामित्व को लेकर एमडीए ने किसानों से बातचीत की है। इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन छपा है। जबकि, उसे लेकर कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति देख गयी है।

स्पष्ट किया एमडीए किसानों की भूमि का अधिग्रहण नहीं कर रहा है। हमने उपरोक्त भूमि की शिकायतों के संबंध में किसानों से संवाद के लिए सूचना का प्रकाशन कराया है। किसान की सहमत के बगैर किसी भी भूखंड की खरीद का सवाल ही नहीं उठता। सचिव का कहना है कि सोनकपुर क्षेत्र में हमें किसानों से तीन हेक्टेयर जमीन खरीदनी है। इसकी नियमानुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। विभाग सीलिंग भूमि, सरकारी जमीन और किसानों के स्वामित्व की पड़ताल कर चुका है। यह प्रकरण अभी बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। अभी बोर्ड की बैठक की तिथि तय नहीं है। निर्णय के आधार पर सोनकपुर क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी के सृजन के लिए तीन हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।

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