हल्द्वानी: किसने कहा... जी 20 के लुटेरों के जमावड़े से जनता को अपमान और शोषण ही मिलेगा....!
हल्द्वानी, अमृत विचार। आज 10 सितंबर 2023 को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन पर चर्चा की। संगठनों ने एक स्वर में G-20 को दुनिया भर में शोषणकारी आर्थिक नीति और युद्धों का जिम्मेदार बताया।
वर्तमान जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए पूरी दिल्ली की गरीब मेहनतकशों की बस्तियों को उजाड़ा गया, जो नहीं उजाड़ी गई उन्हें हरी पर्देदार जालियों से ढक दिया गया। जिन मेहनतकशों ने दिल्ली को जी 20 के सदस्य देशों के लिए सुंदर बनाया उन्हें ही इस बैठक के दौरान घरों में बंदी बना दिया गया वह अपनी रोटी रोजगार के लिए भी ना जा सके और सरकार ने उनकी कोई सुध भी नहीं ली। लुटेरे साम्राज्यवादियों का यह जमावड़ा मेहनतकशों के ऊपर आफत की तरह ही पड़ा है।
जी 20 के यह देश आपस में लुटेरों की तरह एकता और परस्पर शत्रुता से भरे पड़े हैं। जहां यूक्रेन मामले पर रूस और अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी साम्राज्यवादी आमने-सामने हैं तो वहीं भारत-चीन जैसे देश अपनी सीमाओं के लिए एक-दूसरे से झगड़ रहे हैं। इनका एक पृथ्वी, एक परिवार का नारा छलावा भर है। दुनिया भर के मेहनतकश शासकों के इन छलावे नारों के जाल में नहीं फंसने वाले।
जो संयुक्त बयान जी 20 के जरिए जारी किया गया है उसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याण के बारे में कोई बातें नहीं की गई हैं। कारोबार-व्यापार की चिन्ता में डूबे ये शासक अपने-अपने पूंजीपतियों की सेवा में लगे हुए हैं। हजारों करोड़ रुपए के इस शिखर सम्मेलन का बोझ भी यह जनता से ही वसूलेंगे। सरकारों के जनविरोधी कदमों का विरोध करने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवाजों को दबा रहे हैं, जेलें भर रहे हैं। विरोध की हर संभावना को कानूनों में बदलाव कर कुचल रहे हैं। लुटेरे शासको के ऐसे जमावड़े पर मेहनतकश जनता का धिक्कार है।
सभा में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के टीकाराम पाण्डे, मुकेश भंडारी, मोहन, रईस, रियासत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी, लक्ष्मी पन्त, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश, चन्दन शामिल रहे।