आश्रम पद्धति के स्कूलों में सिखाया जाएगा ड्रोन उड़ाना, IIT Kanpur और दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे सहयोग
कानपुर में आश्रम पद्धति के स्कूलों में सिखाया जाएगा ड्रोन उड़ाना।
कानपुर में आश्रम पद्धति के स्कूलों में ड्रोन उड़ाना सिखाया जाएगा। आईआईटी कानपुर और दिल्ली के विशेषज्ञ सहयोग करेंगे।
कानपुर, अमृत विचार। प्रदेश भर के आश्रम पद्धति के स्कूली छात्र रोबोट चलाना और ड्रोन उड़ाना सीखेंगे। उन्हें आईआईटी कानपुर और दिल्ली के विशेषज्ञ विशेष तरह का प्रशिक्षण देंगे। छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग से अवगत कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग के सहयोग से चलेगा।
प्रदेश भर में समाज कल्याण विभाग की ओर से 105 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। यहां कक्षा छह से 12 तक के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्ड के स्कूलों में रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, पायथन प्रोग्रामिंग आदि कोर्स में जुड़ गए हैं। कई स्कूलों में बेहतर वर्कशॉक और लैब स्थापित हो गई है। उनको सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जानकारी दी जा रही है।
सर्वोयद विद्यालयों के छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक रूप से समृद्ध करने की योजना है। उन्हें आईआईटी कानपुर और दिल्ली के विशेषज्ञ अलग तरह का प्रशिक्षण देंगे। इसमें शोधार्थी भी शामिल रहेंगे। वह छात्रों को इन सभी के बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी देंगे। समाज कल्याण विभाग की ओर से इटावा में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है, जल्द ही इसे अन्य जिलों में लागू किया जा सकता है।
बताया जाएगा कैसे आ रहा बदलाव
उन्हें बताया कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल औद्योगिक इकाईयों, सुरक्षा व्यवस्था, मॉनीटरिंग, मौसम और जलवायु का पता लगाने आदि में किया जा रहा है। रोबोटिक्स में उन्हें रोबोट के कई तरह के फंक्शन समझाए जाएंगे। यह किस तरह से मनुष्यों के लिए मदद कर सकता है, किस तरह रोगियों या फिर शारीरिक रूप से अक्षम का कार्य आसान कर सकता है। विशेषज्ञ उन्हें ड्रोन के प्रकार, खूबियों और किस तरह से कार्य करता है, इसकी पूरी थ्योरी समझाएंगे। उनके लिए अलग अलग तरह के कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे।
छात्रों के बीच प्रतियोगिताएं होंगी आयोजित
समाज कल्याण विभाग की ओर से रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि को लेकर कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने की प्लानिंग कर रहा है। इसमें अतिथि व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे। वह छात्रों को प्रेरित करेंगे। प्रतियोगिता के अलावा स्कूलों में छोटी छोटी प्रदर्शनी लगाई जाएंगी, जिसमें सबसे बेहतर प्रदर्शनी लगाने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।
