बरेली: निलंबित सचिव पर तीसरी चोट अभी बाकी, पुलिस ने शुरू की गिरफ्तार करने की तैयारी

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। निलंबित किए गए सचिव विपिन पांडेय को अभी एक और झटका लगेगा। विधान परिषद समिति और आयुक्त ग्राम्य विकास की नाराजगी पर सचिव को पीडी तेजवंत सिंह ने तीन दिन पहले निलंबित कर दिया। अब बिथरी थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना भी तेज कर दी गई है। जांच कर रहे इंस्पेक्टर अजय कुमार का कहना है कि उनको भी धोखाधड़ी और गबन के साक्ष्य मिले हैं। मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो सकती है।

दरअसल, सचिव विपिन पर पदारथपुर, केसरपुर समेत कई ग्राम पंचायतों में तैनाती के दौरान गोलमाल करने का आरोप है। उनके खिलाफ ऑडिट में 21 लाख की धनराशि गबन करने, संबंधियों के नाम पर बनी फर्मों को कई वर्षों में करोड़ों का भुगतान करने और अस्पताल में भर्ती के दौरान भुता की ग्राम केसरपुर में तैनात ग्राम प्रधान चंद्रवती की मौत के बाद उनके डोंगल (डिजिटल हस्ताक्षर) का इस्तेमाल कर सात लाख रुपये से अधिक निकालने की पुष्टि हुई थी, लेकिन कुछ जनप्रतिनिधियों की ओर से सचिव की पैरवी के बाद कार्रवाई काफी समय से टल रह थी।

इधर, जब सचिव ने ऑडिट करने वाले ज्येष्ठ लेखा परीक्षक और डीपीआरओ को धमकी देना शुरू की तो यह मामला पंचायती राज विभाग के निदेशक प्रमोद उपाध्याय तक पहुंच गया था। अगले ही दिन यानी 18 जुलाई को डीपीआरओ के निर्देश पर तत्कालीन एडीपीआरओ रिजवान अहमद ने बिथरी थाने में विपिन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।

पीडी तेजवंत सिंह कहना है कि जांच में गबन की पुष्टि होने पर सचिव को निलंबित कर बहेड़ी ब्लाक से अटैच कर दिया गया है। विभागीय जांच बहेड़ी की बीडीओ को सौंपी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

हाईकोर्ट पहुंचा लेकिन नहीं मिली राहत
पत्नी-पिता और रिश्तेदारों के नाम की फर्मों पर करोड़ों के भुगतान के साथ लाखों के गबन का आरोपी सचिव विपिन पांडेय एफआईआर होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में गया था, लेकिन, घोटाले से जुड़े पर्याप्त साक्ष्य होने पर कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी।

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