प्यार में तीन बच्चों की मां ने लांघी सरहद: प्रेमी से मिलने दिलरुबा बांग्लादेश से पहुंची श्रावस्ती, जानें फिर क्या हुआ

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

बहराइच/श्रावस्ती, अमृत विचार। बांग्लादेश निवासी एक तीन बच्चों की मां का प्रेम प्रसंग श्रावस्ती जनपद निवासी युवक से हो गया। टिक-टॉक से हुए प्रेम प्रसंग के बाद महिला अपने बच्चों के साथ श्रावस्ती पहुंच गई। यहां पर प्रेमी के शादीशुदा होने पर महिला वापस बांग्लादेश के लिए रवाना हो गई है। पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने महिला के वीजा की जांच की। सभी वैध प्रपत्र पाए जाने पर महिला को वापस वतन के लिए भेज दिया है। महिला को अपने किए कार्य पर पछतावा भी है।

cats0014

पाकिस्तान की सीमा और सचिन में प्यार की अभी दास्तां सभी लोग देख रहे हैं। उधर टिकटॉक से हुई दोस्ती के बाद तीन बच्चों की मां श्रावस्ती जनपद शुक्रवार को पहुंच गई।बांग्लादेश के जिला व थाना राउजन चटगांव निवासी दिलरुबा शर्मी के पति शैफुद्दीन की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। जबकि श्रावस्ती जिले मल्हीपुर थाना क्षेत्र के भरथा रोशनगढ़ निवासी अब्दुल करीम पुत्र मोहम्मद अमीम बुहरान देश में एक बेकरी में काम करता था। जिसका टिकटॉक के जरिए दिलरुबा शर्मा से संपर्क हुआ। 

इस दौरान अब्दुल करीम ने खुद को अविवाहित बताते हुए दिलरुबा से दोस्ती बढ़ाई। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों साथ रहने का वादा भी करने लगे। इसके बाद दिलरुबा शर्मी टूरिस्ट वीजा पर अपनी पुत्री संजीदा (15), पुत्र मोहम्मद साकिब (12) व मोहम्मद रकीब (07) के साथ 26 सितंबर को कलकत्ता पहुंच गई। जहां से बाद में वह लखनऊ आई। 

लखनऊ से बहराइच आकर दो दिन वह किसी होटल में रुकने के बाद शुक्रवार को भरथा रोशनगढ़ पहुंच गई। दिलरुबा शर्मी की कहानी सुन अब्दुल करीम की पहली पत्नी शकीला बानो व आठ वर्षीय पुत्र मोहम्मद शादाब ने न सिर्फ इसका विरोध किया बल्कि इसकी सूचना जोखवा बाजार अपने मायके वालों को भी दे दी।

पूरा मामला एसएसबी व मल्हीपुर पुलिस तक पहुंचा। जहां पुलिस ने दिलरुबा व उसके बच्चों का वीजा जांचा तो वह वैध निकला। पुलिस की पूछताछ में दिलरुबा ने बताया कि उसे नहीं पता था कि अब्दुल करीम शदीशुदा व झूठा है। ऐसे इंसान के साथ वह अपने बच्चों संग रह कर जीवन बर्बाद नहीं करेगी। इसके बाद वह बच्चों संग वापस लखनऊ चली गई। 

वैध कागजात होने पर नहीं हुई कार्यवाई
इस बारे में थानाध्यक्ष मल्हीपुर धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि महिला बच्चो को लेकर ट्रेवल एजेंट के साथ लखनऊ गई है। जहां से टिकट कंफर्म होते ही वह वापस बांग्लादेश चली जाएगी। उन्होंने बताया कि उसके पास टूरिस्ट वीजा था। सभी कागजात वैध होने के चलते छोड़ दिया गया है।

यह भी पढ़ें:-डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड: गम, आक्रोश और संवेदना के बीच ब्राह्मणों ने भरी हुंकार, हत्यारोपियों के परिवार का किया सामाजिक बहिष्कार

संबंधित समाचार