अयोध्या: मस्जिद बद्र के सौदा प्रकरण में सौंपा ज्ञापन, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या के पांजी टोला स्थित सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज मस्जिद बद्र का बहुचर्चित सेल मामला तूल पकड़ रहा है। गुरुवार को अंजुमन मुहाफिज मसाजिद व मकाबिर कमेटी के पदाधिकारी व सदस्य डीएम से मिलने पहुंचे। जिलाधिकारी को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम राम कुमार शुक्ला को सौंपा। ज्ञापन में मस्जिद सेल का अनुबंध करने वाले आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने और विस्तृत जांच की मांग की। कमेटी ने बताया कि एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 
   
कमेटी के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद आजम कादरी ने बताया कि मस्जिद बद्र वक्फ संख्या 1213 सरकारी गजट संख्या 12.82 नजूल चक संख्या 5 गाटा संख्या 609 मोहल्ला पांजी टोला का एग्रीमेंट कैन्सिल करने, अवैध हस्तांतरण और क्रय-विक्रय पर रोक लगाने के साथ दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में कहा कि मस्जिद का आंशिक भाग रामपथ चौड़ीकरण की जद में आने के कारण कुछ हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका है। 

मस्जिद के शेष भाग का जीर्णोद्धार करने के बाद आज भी मस्जिद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। बराबर नमाजों के साथ जुमा की नमाजे हमेशा से कायम है। आरोप है कि मस्जिद की पवित्रता को दरकिनार करके रईस अहमद मोहल्ला पांजी टोला व नूर आलम उर्फ चाँद निवासी मोहल्ला कजियाना ने फर्जी मुतवल्ली व गवाह बनकर मस्जिद बद्र का 30 लाख रुपए में धोखाधड़ी व गुमराह करके एक सितम्बर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से एग्रीमेंट टू सेल कर के 15 लाख रुपए एडवांस हासिल कर लिए हैं। 

जबकि मस्जिद बद्र वक्फ की संपत्ति है और वक्फ की संपत्ति मस्जिद को बेचने बैनामा करने का अधिकार स्वयं वक्फ बोर्ड को भी नहीं होता है। बताया गया कि इसे लेकर समाज में काफी आक्रोश है। जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि दोनों आरोपितों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी पूरा प्रकरण भेजा जा रहा है। इस मौके पर पर लईक अहमद, मो शाहिद, मो नौशाद, मो रिजवान, मो इरफान, मकसूद अहमद आदि मौजूद रहे।

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