शाहजहांपुर: तीन मंत्रियों का जिला, फिर भी गरीबों के लिए डॉक्टर और न दवा, जानिए...अखिलेश यादव ने और क्या कहा?

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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शाहजहांपुर, अमृत विचार। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को शाहजहांपुर में केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिले में तीन-तीन मंत्री हैं। नौ बार के विधायक और वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के शहर की हालत हमने देखी है।

पूरे शहर की सड़कें खोदी हुई पड़ी हैं। गलियों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जिस मंत्री के हाथों में खजाने की चाभी है, उनके शहर का यह हाल है। उन्होंने आगे कहा कि शाहजहांपुर का राजकीय मेडिकल कॉलेज सिर्फ नाम कर रह गया है। गरीबों को यहां न डॉक्टर मिल पा रहे हैं और न ही दवा।

रॉयल गार्डन में चल रहे सपा के लोक जागरण अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का शुक्रवार को अंतिम सत्र में अखिलेश यादव पहुंचे। सपा मुखिया ने जिले के अमर शहीदों को याद करते हुए अपनी बात शुरू की। कहा कि जिनकी शहादत से आजाद भारत और अपना संविधान मिला, वही संविधान आज खतरे में है।

भाजपा संविधान की मूल भावना में बदलाव करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में सपा की रैलियों में जिस तरह भीड़ उमड़ती थी, उसे देखकर स्पष्ट था कि प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी, लेकिन जब परिणाम घोषित हुए तो उल्टे थे। एक-एक सीट निकालनी मुश्किल पड़ गई।

भाजपा के लोगों ने प्रशासन की मदद से सभी जीती हुईं सीटें अपने कब्जे में कर लीं। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना का नाम लिए बगैर अखिलेश ने कहा कि नौ बार के विधायक समेत तीन-तीन मंत्रियों वाला जिला खस्ताहाल है। सड़कें इतनी खराब हैं कि उन पर चलना मुश्किल है। उन्हें बाईपास से लाया गया।

जगह-जगह कूड़े के ढेर, कूड़े के ढेरों पर जानवरों के झुंड स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोल रहे हैं। लखनऊ से शाहजहांपुर आने पर पता चला कि डिवाइडरों पर जानवरों का कब्जा है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, बिजली का कोई भरोसा नहीं है। आम आदमी के लिए न तो दवाई उपलब्ध कराई जा रही है और न ही अस्पतालों में डॉक्टर दिखाई दे रहे हैं।

सूबे में कारखाने, पुल, राजकीय मेडिकल कॉलेज सब समाजवादियों की देन
सपा मुखिया ने कहा कि सूबे में कारखाने, बिजली परियोजनाएं, राजकीय मेडिकल कॉलेज, पुल सबकुछ सपा नेता जी और समाजवादियों की देन हैं। जिले में रोजा पॉवर परियोजना भी सपा की ही देन है। जिले का सबसे पिछड़ा इलाका मिर्जापुर कलान क्षेत्र में पुल बनवाया गया, जिसका खंभा टूट गया, वह भी नहीं बनवाया जा सका। जबकि भाजपाई बात करते हैं एक्सप्रेस-वे की। एक्सप्रेस-वे से आम आदमी को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में खजाने की लूट मची हुई है। उन्होंने कहा कि सुना है कि दिवाली पर रसोईगैस फ्री मिलने वाली है। यह सब चुनावी खेल है, इसके झांसे में नहीं आना है। उन्होंने धान और गन्ने का सरकारी मूल्य किसानों को नहीं मिलने पर भी भाजपा को घेरा। अखिलेश ने साफ कहा कि अगर 2024 चुनाव में भाजपा सत्ता में आई तो इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी। यह चुनाव आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेगा।

अखिलेश ने ली चुटकी, एक्सप्रेस-वे तो ठीक, धन कहां है....
सपा सम्मेलन में भी गंगा एक्सप्रेस-वे का मुद्दा उसी प्रकार उठा, जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने खिरनीबाग मैदान में इसे उठाया था। तालियां तब भी बजी थीं, तालियां अब भी बजीं। फर्क सिर्फ इतना था कि मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि फर्रुखाबाद में एक नारा उन्हें सुनने में आया था कि फर्रुखाबादी चूसें गन्ना और एक्सप्रेस वे ले गए खन्ना। अखिलेश यादव ने यहां कहा कि उन्हें एक नारा सुनने को मिला कि फर्रुखाबादी चूसें गन्ना, धन ले गए खन्ना। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे तो ठीक है, लेकिन धन कहां जा रहा है। इसका पता चलना चाहिए। इस पर खूब तालियां बजीं।

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