बरेली: सभी मेडिकल कॉलेज में एपीआई करेगा पुस्तकालय बनाने का प्रयास

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Published By Vishal Singh
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एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में 40वीं वार्षिक कांफ्रेंस यूपी एपीकॉन आयोजित

बरेली, अमृत विचार। वर्तमान परिपेक्ष्य में लोगों में बढ़ती बीमारी के अध्ययन के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में पुस्तकालय जरूरी है। एसोसिएशन आफ फिजीशियन आफ इंडिया (एपीआई) इसी प्रयास में है कि ऐसे पुस्तकालय में भारतीय लिटरेचर भी उपलब्ध हो सके। यह बात कांफ्रेंस के साइंटिफिक चेयरमैन डाॅ.केके सावलानी ने एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में शनिवार को दो दिवसीय यूपी चैप्टर की 40वीं वार्षिक कांफ्रेंस ''यूपी एपीकॉन'' में कही।

एसोसिएशन आफ फिजीशियन आफ इंडिया की ओर से इस कांफ्रेंस की शुरुआत हुई। पहले दिन 10 साइंटिफिक सेशन हुए। इंडियन कॉलेज आफ फिजीशियन के डीन डा.ज्योतिर्मय पाल ने बेस्ट क्लीनिकल प्रैक्टिस की बात की और संस्था के मिशन को सभी के सामने रखा। उन्होंने कहा कि जनहित की पालिसी बनवाने के लिए हमें सरकार और समाज में अपना महत्व बढ़ाने पर काम करना पड़ेगा। श्रीराममूर्ति स्मारक ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति ने बताया कि लोगों को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का उन तक पहुंचना जितना जरूरी है, उतना ही लोगों का जागरूक होना भी। पैलेस आन व्हील्स और टेलीमेडिसन जैसे प्रोजेक्ट भी इसी उद्देश्य के साथ शुरू किए गए हैं। 50 रुपये में मैमोग्राफी कर कैंसर की रोकथाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल डाॅ.एमएस बुटोला, यूपीएपीआई के इलेक्ट चेयरमैन डा.सेवल चक्रवर्ती, आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.स्मिता गुप्ता, आर्गनाइजिंग चेयरमैन एवं आईएमए अध्यक्ष डाॅ.राजीव गोयल, डाॅ.एमपी रावल ने बदलते परिवेश में बढ़ती बीमारियों के बारे में हुए अध्ययन पर चर्चा की। कांफ्रेंस के दौरान यूपीएपीआई के नवनिर्वाचित डाॅ.सेवल चक्रवर्ती को डा.एससी चौधरी ने चेयरमैन पद की जिम्मेदारी सौंपी। वयोवृद्ध चिकित्सक मुरादाबाद के डा.डीपी मनचंदा और डा.एचबी गुप्ता को उनकी सेवा के लिए सम्मानित किया गया। कांफ्रेंस का सोविनियर रिलीज करने के साथ ही राजेंद्र प्रसाद की बुक मैनुअल आफ चेस्ट एक्सरे का भी विमोचन हुआ।

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