Kushagra Murder News: जिसका करना था कन्यादान, उसी ने बुझाया चिराग… एक महीने से कर रही थी रेकी
कानपुर में ट्यूशन टीचर ने हत्याकांड को अंजाम देकर परिवार का विश्वासघात किया।
कानपुर में ट्यूशन टीचर ने हत्याकांड को अंजाम देकर परिवार का विश्वासघात किया। मृतक कुशाग्र के परिवार वाले आरोपी महिला का कन्यादान करना चाहते थे। लेकिन उसी ने हत्याकांड की साजिश रचकर परिवार का चिराग बुझा दिया।
कानपुर, अमृत विचार। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए अभिभावक जिसको भी घर बुलाते हैं, उनके ऊपर बहुत भरोसा होता है, ट्यूटर को लोग परिवार का ही सदस्य समझने लगते हैं। ऐसे में जब कनोडिया परिवार का भरोसा टूटा तो कुशाग्र की मां सोनिया और पिता मनीष के साथ परिजन भी पूरी तरह से टूट गए।
लोगों में चर्चा होती रही कि आखिर कैसे और किस पर विश्वास किया जाए। परिजनों ने बताया कि सोनिया, रचिता को बिल्कुल बेटी की तरह मानती थीं। कुछ दिन पहले उन्होंने रचिता को 10 हजार रुपये भी दिए थे। अक्सर उसकी जरूरतों का ध्यान रखती थीं। और तो और उसकी शादी में कन्यादान तक करने के लिए तक कहा था। लेकिन उसने विश्वासघात कर दिया।
एक महीने से टयूटर कर रही थी रेकी
डीसीपी के अनुसार जांच में यह पाया गया है कि पिछले एक महीने से टयूटर रचिता वत्स कुशाग्र कनोडिया के अपहरण की कहानी रच रही थी। परिवार को अंदाजा तक नहीं था कि वह जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के लिए रेकी कर रही है। वह समय-समय पर घर के हालात और मनीष कनोडिया के व्यापार के बारे में परिवार वालों से पूछा करती थी। उसे लगने लगा था कि इस परिवार से लाखों रुपये मिल सकते हैं, तब उसने अपहरण करने की योजना बना ली।
जन्मदिन पर शामिल होने आई थी शिक्षिका
13 अक्टूबर को कुशाग्र का जन्मदिन था। उस दिन शिक्षिका उसके जन्मदिन पर शामिल होने के लिए अपने प्रेमी प्रभात शुक्ला के साथ आई थी, लेकिन यह सब देखने के बाद ऐसा बिल्कुल भी परिवार वालों को एहसास नहीं था कि यह दोनों मिलकर उनके बच्चे की हत्या कर देंगे।
शातिर रचिता फोन पर लेती रही जानकारी
शाम चार बजे कुशाग्र कोचिंग के लिए निकला। इसी बीच रचिता ने उसे अपने पास बुला लिया। हत्या के बाद वह न तो अपने घर पहुंची और न ही कुशाग्र के घर। पुलिस सूत्रों की मानें तो वह दूसरे घरों में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती रही। उसे हत्या की जानकारी हो चुकी थी। सिक्योरिटी गार्ड ने लेटर के बाद परिजनों को स्कूटी रचना की होने की जानकारी दी तो सीसीटीवी खंगाले जाने लगे।
कुशाग्र की मां सोनिया ने स्कूटी के बारे में पूछा तो उसने स्कूटी उसके पास होने की बात कही। इसके बाद सहानभूति के लिए रचिता ने अपनी ओर से कॉल कर कुशाग्र के बारे में पल-पल की जानकारी लेनी शुरू कर दी। घटना की जानकारी पर पहुंचे मामा अभिषेक अग्रवाल ने भी उसे फोन किया। इस पर उसने हड़बड़ाहट में लेटर के बारे में पूछ लिया। जिस पर उन लोगों को संदेह हो गया।
थोड़ी-बहुत कमाई थी रचिता की
रचिता ने भाई बहन को अपने घर हिमाचल प्रदेश भेज दिया था। 2019 में वह फजलगंज थाने के पड़ोस में रहने वाले रामबाबू गुप्ता के घर में किराए पर रहने लगी थी। रामबाबू के परिवार वालों की मानें तो रचिता आर्थिक रूप से बहुत परेशान थी। वह दिल्ली की किसी कंपनी का ऑनलाइन जॉब करती थी, जहां से थोड़ी बहुत कमाई होती थी। वह बीएससी किए थी लिहाजा ट्यूशन पढ़ाकर जो भी आमदनी होती थी, उससे भाई बहन की पढ़ाई का खर्च करती थी और किराया खर्चा आदि करती थी। रामबाबू के परिवार वालों ने बताया कि उसने प्रभात शुक्ला के साथ साझे में स्कूटी ली थी।
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