हेडफोन दे रहा 'माइग्रेन' को न्योता...बच्चे भी हो रहे बेदर्द दर्द का शिकार, जानिए डॉक्टर की राय
प्रीति कोहली/ बरेली, अमृत विचार। अगर आपको पता नहीं कि माइग्रेन क्या है तो आपको बता दें कि माइग्रेन मूल रूप से मास्तिष्क से जुड़ी बीमारी होती है। जो सिर के दर्द के रूप में होती है, लेकिन ये आम सिर दर्द के तरह नहीं होता है। माइग्रेन का दर्द बेहद तकलीफ देय होता है। जो भी व्यक्ति इससे ग्रसित होता है, उसे कई परेशानियों का सामाना करना पड़ता है।
माइग्रेन का दर्द कई बार पूरे दिन या कई दिनों तक भी सहना पड़ सकता है। इस दर्द से बचने से कई बार लोग पेन किलर की हैवी डोज लेते हैं, जिसे लंबे समय तक लेने से कई और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं। माइग्रेन का दर्द सिर के आधे भाग में होता है। इससे सिर में असहनीय दर्द होता है और चक्कर आने के साथ ही उल्टी तक होने लगती है।
मेडिसिन से बेशक माइग्रेन के दर्द में कुछ राहत मिल जाती हो, पर यह दवा डॉक्टर की सलाह के बिना लेना खतरनाक भी हो जाता है। वहीं इन दिनों लोग फोन से कॉल करने और गाना सुनने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से युवाओं और बच्चों तक को माइग्रेन की समस्या हो रही है।
सिरदर्द की वजह 'हेडवियर'
सिरदर्द किसी भी प्रकार के हेडवियर के कारण होता है। इसमें ऐसे हेडवियर शामिल हैं, जो सिर पर दबाव डालते हैं। जिसमें टाइट कैप, हेलमेट, हेडबैंड, विग, हेडफोन और चश्मा शामिल हैं। सिर दर्द के इन कारणों में इन दिनों हेडफोन ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। यूथ और बच्चों में इसका असर भी दिखाई दे रहा है।
दिमाग की नसों को होता है नुकसान
कान में सीधे तेज आवाज जाने से कान की उन नसों को नुकसान पहुंच रहा है, जो दिमाग से सीधे जुड़ी होती हैं। इसकी वजह से माइग्रेन, सिर दर्द और चक्कर आने की समस्याएं बढ़ रही हैं। जो लोग पहले से चक्कर आने की समस्या से परेशान हैं, ईयरफोन से उनकी समस्या और बढ़ जा रही है।
माइग्रेन की वजह
-ज्यादा कैफीन (टी-कॉफी) लेना या खाना कम खाना
-तनाव, अनिद्रा या नींद पूरी ना होना
-हॉर्मोन स्तर में परिवर्तन
-यात्रा या मौसम में परिवर्तन
-दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग
लक्षण
-माइग्रेन के चेतावनी लक्षणों में कब्ज, मूड में बदलाव, खाने की लालसा, अधिक प्यास लगना और ज्यादा पेशाब आना शामिल हैं।
-माइग्रेन का दौरा आमतौर पर लगभग 4 से 72 घंटों तक रहता है।
-माइग्रेन का दौरा तनाव, कुछ खाद्य पदार्थों या तेज आवाज से शुरू हो सकता है।
-तनाव सिरदर्द सभी आयु वर्ग के लोगों में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर महिलाओं में देखा जाता है।
उपाय
-ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरपी का भी सहारा ले सकते हैं।
-भूखे रहने पर भी यह दर्द बढ़ सकता है, इसलिए ज्यादा देर तक भूखे न रहें।
-काम करने वाली जगह पर तेज रोशनी, तेज धूप या तेज गंध होने से भी यह परेशनी होती है, इससे बचें।
-माइग्रेन से ग्रस्त रोगी को जंक फूड और डिब्बा बंद आहार से परहेज करना चाहिए।
-पनीर, चॉकलेट, चीज, नूडल्स और केले में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं, जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स खतरनाक
इयरफोन या हेडफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हमारे दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। इसके अलावा तेज गाने की वजह से भी दिमाग की कोशिकाओं की ऊपरी लेयर खराब हो जाती है, जिससे कान और दिमाग का कनेक्शन कमजोर हो जाता है। इससे कई समस्याएं हो सकती हैं।
किसी का इस्तेमाल किया हेडफोन इस्तेमाल न करें
इयरफोन, इयर बड्स या हेडफोन किसी का इस्तेमाल किया हुआ न लें, जिससे कान में बैक्टीरिया या फंगस की वजह से दर्द और कई बीमारियां हो सकती हैं। दूसरों के इस्तेमाल वाली इन चीजों का खुद इस्तेमाल करने से पहले इनको सैनिटाइज करें।
कम से कम हेडफोन का करें इस्तेमाल
जितना कम हो सके उतना कम इयरफोन इस्तेमाल करें। प्रोफेशन की वजह से इयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल करना पड़ता है, तो बेहद कम आवाज में और कम समय के लिए इसे इस्तेमाल करें। कभी भी 50 मिनट से ज्यादा लगातार हेडफोन, इयर बड्स या इयरफोन लगातार ना लगाएं। एक बार कान में कोई दिक्कत हो गई तो किसी भी सर्जरी से या किसी भी तरह इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।
हॉस्पिटल आने वाले कई बच्चों और यूथ में माइग्रेन की समस्या आ रही है। जब उनकी काउंसलिंग की जाती है तो पता चलता है कि हेडफोन और इयरफोन अधिक इस्तेमाल करने के वजह से यह समस्या आती है। अगर किसी का माइग्रेरन ठीक होने के बाद भी वह तेज गाने व प्रकाश में रहता है, तो ऐसे में माइग्रेन वापस आ सकता है। -डॉ. आशीष, मनोचिकित्सक
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