ब्रिटेन के cyber security center ने ‘डीपफेक’, एआई के इस्तेमाल को अगले चुनाव के लिए बताया खतरा

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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लंदन। ब्रिटेन की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ने देश के अगले राष्ट्रीय चुनाव के लिए एक खतरा पेश किया है, शत्रु देशों के साइबर हमले बढ़ रहे हैं तथा उनका पता लगा पाना मुश्किल हो रहा है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने कहा, ‘‘इस साल राज्य से जुड़े तत्वों को बिजली, पानी और इंटरनेट नेटवर्क जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सेवाओं के प्रति नये साइबर खतरे के रूप में उभरते देखा गया है।’’ 

यह केंद्र ब्रिटेन की साइबर जासूसी एजेंसी, सरकारी संचार मुख्यालय का हिस्सा है। इसने अपनी वार्षिक समीक्षा में कहा, ‘‘राज्य से जुड़े तत्वों के रूप में साइबर शत्रुओं के एक नये वर्ग का उभरना, जो यूक्रेन पर रूस के हमले से अक्सर सहानुभूति रखते हैं, वित्तीय रूप से प्रेरित होने के बजाय वैचारिक है।’’

इसने कहा कि राज्य से जुड़े समूह रूसी भाषी अपराधियों की ओर से एक बड़ा खतरा पेश कर रहे हैं और वे ब्रिटिश कंपनियों पर साइबर हमले कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा केंद्र ने ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों एमआई5 और एमआई6 की चेतावानियों से सहमति जताते हुए कहा कि इसने (केंद्र ने) चीन के एक प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में उभरने को ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बताया है। 

इसने कहा कि हालांकि, ब्रिटेन में मतदान की पुरानी शैली की पद्धति में हैकरों को सेंध लगाने में मुश्किल होगी। इस पद्धति में पेंसिल और कागज का इस्तेमाल किया जाता है। इसने कहा कि लेकिन ‘डीपफेक‘ वीडियो और ‘बोट्स’ चुनाव प्रचार के दौरान आसानी से गलत सूचना फैलाएंगे। 

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