लखनऊ: छठ महापर्व पर सूर्य भगवान को व्रती महिलाओं ने दिया पहला अर्घ्य, जयकारों से गूंजा घाट
अमृत विचार, लखनऊ। लोक आस्था का महापर्व छठ बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। रविवार शाम राजधानी लखनऊ में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसी के साथ छठ का पहला अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की पूजा की गई। वहीं सोमवार को यानी कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा।
राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण झूला मैदान स्थित छठ घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार संग पहुंचे। शाम से ही व्रतियों ने अपनी अपनी वेदी पर छठी मईया की पूजा अर्चना की। इसके बाद अस्त होते सूरज को नमन करते हुए जल में दूध डालकर अर्घ्य दिया। वहीं इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने छठी मईया के जयकारे लगाए। इसके बाद पूरा घाट भक्तिमय हो गया।
बता दें कि वेदी की पूजा करने के बाद व्रती सूप में फल, ठेकुआ, दूध और अन्य पूजा की सामग्री लेकर गोमती नदी में उतरे। इस दौरान व्रतियों ने लालचन्दन, चावल, लालफूल और कुश डालकर सूर्य की ओर मुख करके कलश को लाकर सूर्य मंत्र का जप किया। इसके बाद भगवान भास्कर को जल में दूध डालकर अर्घ्य दिया और दीप जलाकर पूजा की।
वहीं टोकरी में फल और ठेकुवा आदि सजाकर सूर्यदेव की उपासना की और जगह खड़े होकर चारों दिशाओं में घूमकर सूर्य भगवान को नमन किया। माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जमकर छठी मईया के जयकारे लगाए।
इस दौरान छठ घाट पर श्रद्धालु और उनके परिवार वाले काफी ज्यादा उत्साहित नजर आए। व्रतियों ने अमृत विचार से बातचीत कर बताया कि इस पर्व को लेकर वह सभी काफी ज्यादा उत्साहित है और इस पर्व का साल भर इंतजार करते हैं। उन्होंने आगे बताया कि परिवार, बच्चों के खुशहाली और घर की सुख समृद्धि के लिए इस पर्व का काफी ज्यादा महत्व है। इस पर्व में सूर्य भगवान के साथ छठी मईया की पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है।
व्रतियों ने बताया कि 36 घंटे के इस उपवास में आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की गई। इसके बाद अब वापस घर जायेंगे। फिर सुबह वापस आकर उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। वहीं अर्घ्य देने के बाद छठी मईया के इस व्रत का पारण किया जाएगा।