ट्रैफिक मैनेजमेंट फेल: सुरेश शर्मा नगर चौराहे को बनाया दोराहा, रास्ता बंद होने से लोग परेशान

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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बरेली, अमृत विचार। लाखों रुपये से ट्रैफिक लाइट सिग्नल लगाकर पीलीभीत बाईपास पर सुरेश शर्मा नगर चौराहे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट करने की योजना फेल हो गई। ट्रैफिक पुलिस भी ट्रैफिक प्रबंधन सही नहीं कर पाई।

कई महीने से सुरेश शर्मा नगर चौराहा पर जाम लग रहा था। शाम के समय सैकड़ों राहगीरों के जाम में फंसने की वजह से पुलिस की किरकिरी हो रही थी। इससे बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अब चौराहे को खत्म कर दिया।

सोमवार की दोपहर ट्रैफिक पुलिस ने चौराहे के बीच में रास्ता बंद करने के लिए ट्राली बैरियरों को रस्सी के सहारे बांध दिया। जाम के झंझट को समाप्त करने के ट्रैफिक पुलिस के इस फार्मूले ने आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

जो राहगीर रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से सुरेश शर्मा नगर चौराहे से डेंटल कॉलेज की ओर जाना चाहते हैं अब उन्हें चौराहे से आगे पेट्रोल पंप के पास अस्थाई कट के जरिए घूमकर आना पड़ रहा है। इसी तरह संजय नगर चौराहे से आने वाले राहगीर को यदि वनखंडीनाथ रोड या सुरेश शर्मा नगर कालोनी में जाना है तो उन्हें भी डोहरा चौराहे की ओर बढ़कर कुछ दूरी पर गाड़ी की एजेंसियों के सामने सड़क के डिवाइडर में अस्थाई कट से होकर वापस चौराहे की ओर जाना पड़ रहा है।

इस कट पर ज्यादा वाहनों के मुड़ने की वजह से जाम भी लग रहा है। सड़क के कट से कार और बाइक घुमाने के दौरान हादसे का डर भी बना है। शाम के समय राहगीरों को ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ीं। ट्रैफिक पुलिस ने संजय नगर चौराहे पर भी बीच में सीमेंट के छोटे-छोटे ब्लॉक रख दिए हैं। इससे चौपहिया वाहन नहीं निकल सकते हैं। बाइक वाले भी डर-डराकर ब्लॉकों के बीच से निकल जाते हैं।

ट्रैफिक पुलिस सड़क पर वाहन पार्क करने वालों के नहीं कर रही चालान
बरेली। कलेक्ट्रेट चौराह दोपहिया वाहनों की पार्किंग बन गया है। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लेकर सभी अपर जिलाधिकारी और नगर मजिस्ट्रेट भी इसी रास्ते से निकलते हैं लेकिन सड़क पर बनी अवैध पार्किंग को हटाने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे वहां दिनभर लोग परेशान होते हैं।

कई बार तो दोपहिया वाहन इतने ज्यादा खड़े हो जाते हैं कि सड़क पर टेंपो निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

इस क्षेत्र में पार्किंग नहीं होने की वजह से सैकड़ाें की संख्या में लोग सड़क किनारे वाहनों को पार्क कर रहे हैं। कई माह पहले ट्रैफिक पुलिस की क्रेन की सख्ती थी जो सड़क पर खड़ी कार को उठाकर ले जाती थी और करीब चार से पांच हजार रुपये का चालान करने पर छूटती थी।

अब उस तरह की कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस कर नहीं रही है। इसलिए लोग चालान की परवाह किए बिना सड़क किनारे कारें खड़ी कर देते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर सड़क किनारे भी तमाम कारें खड़ी रहती हैं। इसी तरह लोगों ने जिलाधिकारी आवास की दीवार के किनारे सड़क को भी कार पार्किंग बना दिया है।

जाम की स्थिति से निपटने के लिए चौराहों को बीच में डिवाइडर लगाकर बंद किया गया है। ये प्रयोग के तौर पर किया जा रहा है। इससे जाम के हालात नहीं बनते हैं। एंबुलेंस भी नहीं फंसती हैं। यदि प्रयोग सही रहा तो ऐसा किया जाएगा, नहीं तो डिवाइडर हटवा दिए जाएंगे। सड़क पर खड़ी कार को उठाकर थाने में खड़ी कराने वाली एक क्रेन ककोड़ा मेला भेजी गई है, एक अन्य क्रेन से चालान किए जाते हैं। -राममोहन सिंह, एसपी यातायात

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