जौनपुर में मनायी गयी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सी राजगोपालाचारी की 145 वीं जयंती 

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Published By Jagat Mishra
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जौनपुर, अमृत विचार। जिले के सरांवा गाव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी व लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने देश की आज़ादी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लेखक एवंं बंगाल के प्रथम राज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी को 145 वीं जयंती मनायी । इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक मोमबत्ती व अगरबत्ती जला कर उन्हें अपनी श्रंद्धाजलि दी। 

शहीद स्मारक पर मौजूद लोगो को संबोधित करते हुए लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, लेखक एवं बंगाल के प्रथम राज्यपाल चक्रवर्ती राजा गोपालाचारी का जन्म 10 दिसंबर 1878 को तमिलनाडु के सेलम जिले के थोरापल्ली गांव में हुआ था । उन्होंने कहा कि इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव मेंं हुई थी । मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से बीए और वकालत की पढ़ाई 1897 में पूरी की । 1920 में सत्याग्रह आंदोलन के दौरान गांधीजी के संपर्क में आए और मद्रास में नेतृत्व किया। 

उन्होंने कहा कि 1937 में मद्रास प्रेसिडेंसी के प्रमुख बने। उनका मानना था कि हिंदी ही देश को एक सूत्र में बांध सकती है , विरोध के बावजूद उन्होंने मद्रास के शिक्षण संस्थानों में हिंदी को अनिवार्य कर दिया था। 1948 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल नियुक्त हुए , वह देश के गृह मंत्री भी रहे । उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के बाद मद्रास के मुख्यमंत्री बने और बाद में स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की। इन्हें चक्रवर्ती थिरूमगम के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। 28 दिसंबर 1972 को उन्होंने अंतिम सांस ली। इस अवसर पर डॉक्टर धर्म सिंह ,मैनेजर पांडेय , अनिरुद्ध सिंह , मनजीत कौर सहित अनेक लोग मौजूद रहे। 

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