SGPGI: मरीजों को शिफ्ट करने में जान पर खेल गये डॉक्टर और नर्स, बच्चे को बचाने में डॉ. संदीप को तोड़ना पड़ा दरवाजा
लखनऊ,अमृत विचार। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार को बड़ा हादसा हो गया। ओटी एक में आग लग गई। 12:40 पर लगी आग से चारो तरफ भगदड़ मच गई थी। हर कोई अपनी जान बचाकर भाग रहा था, लेकिन वहां मौजूद कुछ डॉक्टर और नर्सिंग आफिसर ऐसे भी थे। जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुये मरीजों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इसमें दो लोग बेहोश भी हो गये। यह आग एन्डोसर्जरी ओटी में लगी थी, लेकिन उसके पास कई अन्य विभागों की भी ओटी मौजूद हैं। जहां पर गंभीर मरीजों की सर्जरी चल रही थी। इसी में से रोबोटिक सर्जरी की ओटी में एक तीन महीने के बच्चे की सर्जरी चल रही थी। उसे बचाने के लिए एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. संदीप साहू ने न धुयें की परवाह की और न आग की। बच्चे को निकालने के लिए ओटी के पीछे का दरवाजा तोड़ा और दूसरे आईसीयू में ले जाकर बच्चे को भर्ती किया।
दरअसल, एसजीपीजीआई के पुरानी बिल्डिंग स्थित ओटी एक में करीब 12 : 40 मिनट पर मॉनिटर में स्पार्क होने के चलते आग लग गई। आग पहले एनस्थीसिया वर्क स्टेशन पर लगी और फिर ओटी में फैल गई। धीरे-धीरे धुआं चारो तरफ फैलने लगा। धुयें की वजह से वहां पर भगदड़ मची हुई थी, लेकिन उसी में से तमाम ऐसे डॉक्टर, नर्सिंग आफिसर और कर्मचारी थे। जो मरीजों को बचाने में लगे हुये थे। बताया जा रहा है कि सीवीटीएस आईसीयू में करीब 10 मरीज थे। इसके अलावा Post OP icu में लगभग बारह से पंद्रह मरीज थे। जिन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। यहां भर्ती मरीजों को दूसरी जगह ले जाने के लिए वेंटीलेटर से हटाकर एम्बुबैग लगाकर ले जाया जा रहा था। इस कार्य में सबसे अहम भूमिका एनेस्थीसिया के डॉक्टर, सीनियर रेजीडेंट और नर्सिंग ऑफिसर ने निभाई है। इसके अलावा संस्थान के कई कर्मचारी भी मौके पर डटे हुये थे और मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का कार्य कर रहे थे। मरीजों को बचाने में डॉ.पुनीत, डॉ. चेतना, नर्सिंग ऑफिसर नीलम, नर्सिंग ऑफिसर मनोरमा, सौरभ, विघावती,रीता,अलका और नर्सिंग एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला, इलेक्ट्रीशियन अतुल, अटेंडेंट राकेश शामिल रहे।
बताया जा रहा है कि मरीजों को बचाने में डॉ. चेतना और नर्सिंग ऑफिसर नीलम की धुयें की वजह से स्वास्थ्य बिगड़ गया था। इसके अलावा नर्सिंग एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला और कर्मचारी अतुल भी धुयें का शिकार हुये हैं। वहीं एसजीपीजीआई की ओटी में लगी आग पर मौंके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है।
एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमने ने बताया कि ओटी एक में करीब 12: 40 मिनट पर मॉनिटर में स्पार्क होने के चलते आग लग गई। आग पहले एनस्थीसिया वर्क स्टेशन पर फिर ओटी में फैल गई, लेकिन फॉयर सिस्टम तत्काल सक्रिय हुआ। जिससे आग पर काबू पाया गया। वहां मौजूद सभी मरीजों को प्री ऑपरेटिव और पोस्ट आपरेटिव आईसीयू से तुरंत शिफ्ट कराया गया। संस्थान के 13 ओटी में से दो ओटी को अधिक नुकसान हुआ है। शेष ग्यारह ओटी ठीक है। इन्हें शीघ्र ही चार पांच दिनों में शुरू किया जायेगा। इसके अलावा इन ओटी में जिन मरीजों की सर्जरी होने वाला थी। उनको बाकी की क्रियाशील ओटी में समायोजित किया जायेगा। जिससे मरीजों के ऑपरेशन में कोई रुकावट न हो। इस तरह के घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए एक समिति गठित की गई है। जो आग लगने का कारण बतायेगी और ऐसी घटनायें आगे न हो उसके लिए सलाह देगी। आज की यह घटना दुखद है हमने इसमे दो मरीजों को खोया है। इस हादसे में महिला तैयबा (26) और एक महीने के बच्चे की मौत हो गई है। बच्चे के पिता का नाम बृजभूषण यादव और मां का नाम नेहा बताया जा रहा है।
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