Kannauj: पुलिस मुठभेड़ में बदमाश की गोली लगने से सिपाही की मौत, पुलिस लाइन में अधिकारियों ने दी सलामी, पांच फरवरी को होनी थी शादी

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कन्नौज में पुलिस मुठभेड़ में बदमाश की गोली लगने से सिपाही की मौत हो गई।

कन्नौज में पुलिस मुठभेड़ में बदमाश की गोली लगने से सिपाही की मौत हो गई। पुलिस लाइन में अधिकारियों ने सलामी दी। मुजफ्फरनगर निवासी सिपाही की पहली तैनाती थी।

कन्नौज, अमृत विचार। पुलिस मुठभेड़ में बदमाश ने सिपाही को गोली मार दी। कानपुर में इलाज के दौरान सोमवार को देर रात उसकी मौत हो गई। मंगलवार सुबर जिला मुख्यालय पहुंचे एडीजी, आईजी, डीएम, एसपी, एडीएम, व समाज कल्याण मंत्री ने पुलिस लाइन पहुंच कर शहीद सिपाही को सलामी दी और पुष्प अर्पित किये।

मुजफ्फरनगर जनपद के गांव साहडब्बर निवासी सचिन राठी (28) पुत्र वेदपाल राठी वर्ष 2019 में पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। पहली तैनाती कन्नौज में मिली जहां विभिन्न थानों में तैनात रहा। वर्तमान में वह विशुनगढ़ थाने में तैनात था। सोमवार की शाम को विशुनगढ़ थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस टीम थाना क्षेत्र के गांव धरनीधरपुर नगरिया गांव में हत्या के मामले में वांछित हिस्ट्रीशीटर मुनुआं के यहां गैर जमानती वारंट लेकर गई थी। यहां हिस्ट्रीशीटर, उसके पुत्र व पत्नी ने मिल कर पुलिस पर फायरिंग कर दी थी।

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पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की पर सिपाही सचिन राठी की जांघ में गोली लगी थी। इससे वह मौके पर ही गिर पड़ा। पुलिस ने उसे सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया जहां से कानपुर के रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान देर रात करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई। सूचना पर परिजन कानपुर पहुंच गये। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।

मंगलवार को कानपुर में पोस्टमार्टम होने के बाद शव पुलिस लाइन कन्नौज लाया गया। यहां एडीजी आलोक सिंह, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, एसपी अमित कुमार आनन्द, एडीएम आशीष सिंह, सीओ सदर प्रियंका बाजपेई ने सलामी दी। बाद में पुष्प व पुष्प चक्र अर्पित किये। शहीद सिपाही के पिता ने एडीजी से मांग की है कि अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।

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एडीजी ने कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए ढांढस बंधाया। यही बात मंत्री असीम अरुण ने भी शहीद के पिता से कही। सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद शहीद के शव को पैतृक गांव भेजा गया। बताया जाता है कि शहीद सिपाही चार भाई बहन थे। सचिन राठी सबसे बड़ा था। अन्य दो भाई भी पुलिस की तैयारी कर रहे हैं। भाई की मौत के बाद बहन शव के पास गुमसुम बैठी रही। पिता का हाल खराब था।

पांच फरवरी को होनी थी शादी

सिपाही सचिन की रुकाई हो चुकी थी। पांच फरवरी 2024 को उसकी शादी होनी थी। इसको लेकर परिजन खासे खुश थे लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस बेटे के सिर पर सेहरा सजने के सपने थे उसे अंतिम विदाई देनी पड़ेगी।

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