Fatehpur News: कस्तूरबा विद्यालयों में प्रतिदिन तीन बार दर्ज होगी हाजिरी, फेस रिकग्निशन तकनीक से दूर की जाएगी अनियमितता
फतेहपुर में स्थित कस्तूरबा विद्यालयों में अब फेस रिकग्निशन तकनीक से हाजिरी दर्ज होगी।
फतेहपुर में स्थित कस्तूरबा विद्यालयों में फेस रिकग्निशन तकनीक से हाजिरी दर्ज होगी। प्रतिदिन तीन बार उपस्थिति दर्ज की जाएगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी करेगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने आदेश जारी कर दिया है।
फतेहपुर, अमृत विचार। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अब रात में भी अब ऑनलाइन फेस रिकग्निशन के माध्यम से हाजिरी लगानी होगी। प्रतिदिन रात में नौ बजे यह हाजिरी दर्ज की जाएगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी करेगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिसमें नई व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूरी तरह आवासीय केजीबीवी में छात्राओं के साथ शिक्षिकायें एवं महिला स्टाफ भी निवास करती हैं। हाल के दिनों में शासन से लेकर महानिदेशालय तक लगातार शिकायतें आ रही थीं कि जिन छात्राओं का घर आसपास है, वे रात में चली जाती हैं। इन शिकायतों की सत्यता जानने के लिए कई बार औचक निरीक्षण भी किया गया। जिसमें कम छात्राओं की उपस्थिति के मामले आए थे।
इसे देखते हुए अप्रैल में अपर मुख्य सचिव ने रात में हाजिरी के आदेश दिए थे, लेकिन तब फेस रिकग्निशन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित नहीं थी। ऐसे में स्कूलों में ठीक से आदेशों का पालन नहीं हुआ। अब डीजी ने इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। जिले के विभिन्न ब्लाकों में कुल 10 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
तीन बार होगी अटेंडेंस
आदेश के अनुसार कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षकाओं और स्टाफ को फेस रिकग्निशन के जरिए तीन बार हाजिरी दर्ज करनी होगी। सबसे पहले सुबह नौ बजे के बाद छात्राओं, शिक्षकाओं और अन्य स्टाफ की फेस रिकग्निशन के जरिए हाजिरी होगी। दोपहर में शिक्षकाओं और अन्य स्टाफ को हाजिरी दर्ज करनी होगी। रात में नौ बजे के बाद सभी छात्राओं, शिक्षकाओं और स्टाफ को हाजिरी होगी। अगले महीने इसकी सघन समीक्षा की जाएगी।
कस्तूरबा विद्यालयों में स्थाई स्टाफ एवं छात्राओं की फेस रिकग्निशन के जरिए तीन बार हाजिरी लगवाई जा रही है। यह व्यवस्था बीते चार माह से शुरू है। हाजिरी के मामले में पूरे प्रदेश में दोआबा का दूसरा स्थान है। -डा. विवेक शुक्ला, डीसी बालिका शिक्षा
