Special Story : सजावटी मछली का कारोबार शुरू होने से रामपुर को लगेंगे तरक्की के पंख

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Published By Bhawna
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घरों पर ही होगा रंगीन मछलियों के बीज का उत्पादन,  राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड हैदराबाद के सहयोग से शुरू होगा कार्यक्रम

सुहेल जैदी, अमृत विचार। सजावटी मछली का कारोबार शुरू होने से रामपुर में मछली कारोबारियों को तरक्की के पंख लगेंगे। मछली कारोबारियों को मत्स्य विभाग प्रशिक्षित करेगा। घरों पर रंगीन मछलियों का बीज उत्पादन होगा। राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड हैदराबाद के सहयोग से कार्यक्रम शुरू होगा। रंगीन मछलियों को शौकीन लोग घरों में इकोरियम में रखते हैं और रंगीन मछलियों की मांग बनी रहती है।

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मत्स्य विभाग द्वारा सजावटी मछली के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदकों को रंगीन मछली का पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। रंगीन मछली पालक अपने घरों पर रहकर ही छोटी हैचरी चला सकते हैं। रंगीन मछली का बीज दूसरी मछलियों की तरह दूसरे राज्यों को निर्यात किये जाने की तैयारी है। रामपुर  से सामान्य मछली का निर्यात, दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, राजस्थान और उत्तराखंड को किया जाता है। इसी तर्ज पर रंगीन मछली का कारोबार देश के तमाम राज्यों में फैलाया जाएगा। जिससे मत्स्य पालकों को काफी लाभ मिलेगा। दशमेश फिश सेंटर के मालिक गुरुप्रीत सिंह का कहना है कि लोगों में रंगीन मछलियों को पालने का शौक बढ़ा है। 

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इन रंगीन मछलियों का होगा बीज तैयार
गोल्ड फिश, छोटी शार्क, कोई कार्प, गोरामी, फाइटर फिश,शक्कर फिश,ब्लैक मोली,प्लेटी,गप्पी,सोई टेल, गोरामी,एंजल,टैट्रा समेत कई तरह की मछली का बीज तैयार होगा।

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सजावटी मछली के एक्वेरियम में नहीं फैले इंफेक्शन
सहायक निदेशक मत्स्य डॉ अनीता बताती हैं कि रंगीन मछलियों का दाना बाजारों मे आसानी से मिल जाता है उनको प्रतिदिन भोजन दें। मछलियों के लार्वा को पोषित रखने के लिए जिंदा खाना यानी केंचुए आदि की भी जरूरत होती है। यदि मछलियों को ऐक्वेरियम में पाल रहे है तो जरुरी है कि पानी को सात से दस दिन के अंतराल में बदल दे। ऐक्वेरियम के अंदर का पीएच जरुर सही रखें और किसी भी तरह का इंफेक्शन न हो वरना मछलियों की मौत भी हो सकती है। बताया कि सजावटी मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण के दौरान यह तमाम बारीकियां सिखाई जाएंगी। 

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड हैदाराबाद से सहयोग के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया  जाएगा। रंगीन मछली के कारोबार के लिए मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के थ्रो लोन दिया जाएगा। इसके आलवा सामूहिक बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। रंगीन मछली को इकोरियम में पाला जाता है यह शुभ माना जाता है घरों एवं प्रतिष्ठानों की शोभा बढ़ती हैं। - मोहम्मद मुगास जुबैर, मत्स्य विकास अधिकारी

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