Good News : रामपुर में गोवंश पालक होंगे मालामाल, प्रधानों को भी दो-दो गाय दिए जाने पर हो रहा विचार
ब्लॉक क्षेत्र के बाशिंदे गोशाला से मुफ्त ले सकते हैं अधिकतम चार गो वंश, सरकार डीवीटी के माध्यम से चार गोवंश के लिए भेजेगी एकाउंट में छह हजार रुपये
सुहेल जैदी, अमृत विचार। गोवंश पालक मालामाल होंगे, सरकार ने उनके लिए खजाना खोल दिया है। जिस क्षेत्र में गोशाला है उस ब्लॉक के बाशिंदे अधिकतम चार गोवंश गौशाला से मुफ्त ले सकते हैं। इसके लिए सरकार डीवीटी (डायरेक्ट वेनीफीशर ट्रासंफर) के माध्यम से पशु पालक के खाते में डेढ़ हजार रुपये प्रति पशु के हिसाब से चार पशुओं के छह हजार रुपये खाते में भेजेगी। इसके अलावा गोवंश का दूध गोबर आदि का लाभ भी गोवंश पालक को मिलेगा।
छुट्टा गोवंश के घूमने से आए दिन सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। इसके अलावा घूमते-घूमते गोवंश कभी नाले में तो कभी कुएं में गिर जाते हैं। किसानों की फसलों का नुकसान करते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत गोशाला से उसी ब्लॉक के रहने वाले बाशिंदे अधिकतम चार गोवंश ले सकते हैं। जिसमें प्रति गो वंश 50 रुपये प्रतिदिन की दर से महीने में एक गो वंश के लिए 1500 रुपये पशु पालक के खाते में आएगा। इसके अलावा वह गो वंश यदि मादा है तो दूध आदि का कारोबार कर सकते हैं।
गोवंश यदि नर है तो खेतीबाड़ी में इस्तेमाल किया जा सकता है। गो वंश की देखभाल के लिए पशु चिकित्साधिकारी सप्ताह में दो बार गो वंश पालक के घर गोवंश का स्वास्थ्य देखने के लिए पहुंचेंगे। यदि गोवंश का स्वास्थ्य खराब है तो निशुल्क इलाज किया जाएगा। गोवंश की देखभाल के लिए क्षेत्र के लेखपाल और सचिव भी गोवंश पालक के घर आते-जाते रहेंगे।
जिले में लोगों को दिए जा चुके 90 गोवंश
जिले में नौ गोशालाएं हैं और उनमें से 90 गोवंश को पालने के लिए लोग ले चुके हैं। सरकार की योजना शुरू होने के बाद लोगों में गोवंश पालने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बताते हैं कि 45 गोवंश को पालने के लिए देने का लक्ष्य मिला था जिसके सापेक्ष 90 गो वंश को लोग ले जा चुके हैं। वह बताते हैं कि गोशाला से गोवंश लेने के लिए उस क्षेत्र के बाशिंदे को ब्लॉक में आवेदन करना होगा। इसके बाद कमेटी की जांच-पड़ताल के बाद गोवंश गौशाला से गो वंश पालक को दे दिए जाएंगे।
जिले की गोशालाओं की स्थिति एक नजर में
- गोशाला- क्षमता- संरक्षित पशु
- किरा- 800- 829
- नसीराबाद- 400- 478
- बमनपुरी- 50- 25
- मसवासी- 300- 280
- ऊंचागांव- 100- 160
- परम- 50- 64
- ढकिया- 50- 33
- चौकोनी- 50- 30
- मड़ैयान- 50- 23
प्रधानों को दो-दो गाय दिए जाने पर हो रहा विचार
जिले की जिन गोशालाओं में क्षमता से अधिक गो वंश हैं उमें से दो-दो गोवंश ग्राम प्रधानों को दिए जाने पर प्रशासनिक स्तर पर विचार हो रहा है। जिले में 680 ग्राम पंचायतें हैं इस तरह 1300 गो वंश का बेहतर तरीके से पालन पोषण हो सकता है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और मुख्य विकास अधिकारी डा. नंद किशोर कलाल का कहना है कि यदि दो-दो गो वंश ग्राम प्रधान पालते हैं तो गोशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश होने की समस्या से निजात मिल सकती है।
जिले में नौ गौशालाएं हैं और उनमें गोवंश घटते-बढ़ते रहते हैं। जिस ब्लॉक में गोशाला स्थित है उस ब्लॉक का कोई भी बाशिंदा अधिकतम चार गोवंश मुफ्त ले सकता है। इसके लिए उसे सरकार से 1500 रुपये प्रति पशु की दर से पैसा मिलेगा। गोवंश से दूध, दही, घी, क्रीम आदि सब गोवंश पालक का होगा। नर गोवंश को वह अपनी कृषि कार्यों में इस्तेमाल कर सकता है।- डा. महेश कुमार कौशिक, जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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