बदायूं: राजस्व गांव में शुरू हुआ रियल टाइम क्रॉप सर्वे
क्रॉप सर्वे से बुवाई से लेकर उपज तक का होगा सटीक आकलन
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बदायूं, अमृत विचार: फसलों के रियल टाइम सर्वेक्षण के लिए एग्रीस्टेक परियोजना के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे शुरू करा दिया गया है। रबी फसल में बुवाई से लेकर उपज तक का सटीक आकलन हो सके, इसके लिए एग्रीस्टेक परियोजना के तहत इसे लागू किया गया है। यह सर्वे 2024 फसली वर्ष में जिलेभर के सभी राजस्व 1476 गांवों में लागू किया गया है। इससे यह पता चलेगा कि किस किसान ने अपने खेत में किस किस्म की फसल की बुवाई की है। जिसका सटीक आकलन कर कृषि विभाग इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेगा।
जिले में बाढ़, आपदा व सूखा जैसी दैवीय आपदाओं की स्थिति के चलते किसानों को भारी क्षति पहुंचती हैं। लेकिन किसानों को सरकारी इमदाद नहीं मिल पाती। एग्रीस्टेक परियोजना के तहत होने वाले डिजिटल क्रॉप सर्वे के तहत फसलों को होने वाले नुकसान के एवज में सटीक मुआवजा दिलाने में मदद मिलेगी।
जिले में कौन सी फसल कितने रकबे में बोई जा रही है, कृषि व राजस्व विभाग के कर्मचारी पहले मैनुअल तरीके से सर्वे करके सरकार को आंकड़े उपलब्ध कराते थे। उसमें पूरी तरह से सही आंकड़े उपलब्ध नहीं होते थे। लेकिन अब डिजिटल सर्वे से सटीक आंकड़े शासन तक उपलब्ध हो सकेंगे। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।
डिजिटल सर्वे का एप पर दर्ज होगा ब्योरा
डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए एडीएम राजस्व एवं वित्त द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी और लेखपाल के साथ पंचायत सहायक और कृषि विभाग के कर्मचारी को शामिल किया गया है। सर्वे करने के लिए खास तौर पर तैयार किए गए ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है। एप पर डेटा अंकित करने के लिए सभी को प्रशिक्षित भी किया गया है। जिसमें कुल 416 कर्मचारी लगाए गए हैं। इनमें 60 सुपरवाइजर, 27 वेरीफायर्स को गया है। सर्वेयर कृषि विभाग के हैं।
डिजिटल सर्वे से किसानों को मिलेंगी सुविधाएं
शासन के आदेश पर प्रशासन द्वारा कराए जा रहे डिजिटल सर्वे का किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा। सर्वे से विभिन्न योजनाओं का किसानों को मिलेगा लाभ। बैंक की ओर से फसली ऋण का सत्यापन किया जा सकेगा। फसल बीमा प्रस्ताव का सत्यापन हो सकेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद की खरीद, सूखे, अतिवृष्टि के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत अनुदान का वितरण। सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान सहित किसानों के संस्थागत खरीदारों से जोड़ने का अवसर के साथ ही लक्षित फसल सलाह भी प्रदान की जाएगी।
डिजिटल सर्वे का काम शुरू हो गया है। सर्वे में लगाए गये 416 सर्वेयरों द्वारा जनपद में बोई जाने वाली फसलों, पेड़-पौधे, आबादी की सटीक जानकारी एकत्र किया जाएगा। इससे उत्पादन, खाद व बीज की उपलब्धता इत्यादि योजनाएं तैयार हो सकेंगी---मनोज कुमार, उप कृषि निदेशक।
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