पीलीभीत: हादसे के बाद चेता महकमा... जंगल का रास्ता किया बंद, निगरानी को लगाए चार कैमरे
मृतक के मकान और आसपास झालों पर लगाई गई खबाड़, लोकेशन को लगी पांच टीमें
पीलीभीत, अमृत विचार: जंगल से सटे पुरैनी दीपनगर में बाघ हमले में किसान की मौत के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन चेता है। अफसरों के निर्देश के बाद जंगल जाने वाले इंट्री प्वाइंट को बंद करने के साथ जंगल सीमा में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित करने के लिए जाल लगाए गए हैं। वहीं पांच सदस्यीय को निगरानी के लिए लगाया गया है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज से सटे पुरैनी दीपनगर निवासी किसान स्वरूप सिंह पर शुक्रवार सुबह बाघ ने उस हमला कर दिया था, जब वह जंगल से सटे खेत में रखवाली कर रहे थे। हमले में किसान की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शव को पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया था।
बाद में जंगल किनारे रहने वाले परिवारों की सुरक्षा समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिए गए आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया था। इधर बाघ हमले के बाद पुरैनी दीपनगर इलाके में टाइगर रिजर्व प्रशासन ने निगरानी तेज कर दी है।
शनिवार को उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद महोफ रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सहेंद्र यादव ने घटनास्थल के समीप जंगल जाने वाले एक मार्ग को बंद करवा दिया गया है, ताकि जंगल सीमा के आसपास रहने वाले ग्रामीण अनाधिकृत तरीके से जंगल में प्रवेश न कर सके।
वहीं घटना में शामिल बाघ की पहचान के लिए घटनास्थल के आसपास ट्रैप कैमरे लगवाए गए हैं। वहीं वन दरोगा प्रदीप कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय वन कर्मियों की टीम को लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। मृतक किसान के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसको लेकर कागजी कार्रवाई चल रही है।
महोफ रेंज में जंगल सीमा पर पांच सदस्यीय टीम को लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। घटनास्थल के आसपास ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। संबंधित रेंज के वन क्षेत्राधिकारी को ग्रामीणों के साथ बैठक कर समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें जंगल के भीतर न जाने के लिए जागरूक करने को कहा गया है--- नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर।
बाघ के हमले में मारे गए किसान के घर पहुंचे विधायक
बाघ के हमले में मारे गए किसान स्वरूप सिंह के परिवार को सांत्वना देने विधायक बाबूराम पासवान शनिवार को पुरैनी दीपनगर गांव पहुंचे। उन्होंने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। मृतक के आश्रितों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया है।
टाइगर रिजर्व के सटे इलाके में वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर विधायक ने कहा कि जंगल के बाहरी हिस्सों में तार फेंसिंग को मंजूरी मिल चुकी है। टेंडर भी हो चुका है। दूसरे ठेकेदार के दखल से मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसा न होता तो अब तक तार फेंसिंग का काम शुरू हो गया होता। उन्होंने कहा कि ये वन्यजीव संघर्ष में होने वाली मौतें काफी दुखद हैं। मृतक परिवारों को प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।
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