शिक्षकों के लिए good news! कोर्ट बोला- अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए teachers कर सकते हैं दूसरा आवेदन!
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि अगर कोई कानूनी बाधा नहीं है तो नए सत्र के प्रारंभ में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दूसरे आवेदन पर विचार किया जाएगा। आवेदन केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा कि वह दूसरा स्थानांतरण आवेदन है। ऐसे आवेदनों पर तीन सप्ताह की अवधि के भीतर संबंधित विभाग को निर्णय लेना होगा।
मालूम हो कि वर्तमान स्थानांतरण नीति 2023 के अनुसार अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए याचियों के आवेदन खारिज कर दिए गए थे, क्योंकि ऐसी प्रार्थना के लिए दूसरे आवेदन की अनुमति नहीं है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने तेजस्वी सिंह व 12 अन्य की याचिका पर निस्तारित करते हुए पारित किया। याचियों के अधिवक्ता का कहना है कि इस तरह का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है, जहां यह माना गया था कि ऐसा दूसरा आवेदन कायम रखने योग्य है।
इसके साथ ही शासनादेश 2 जून 2023 के खंड 3 में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए शिक्षकों का दूसरा आवेदन पोषणीय है। उपरोक्त आदेश का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर एक बार किसी शिक्षक का आवेदन अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए स्वीकार कर उसका स्थानांतरण कर दिया गया है तो ऐसा कोई बाध्यकारी कानून नहीं है कि वह स्थानांतरण के लिए दूसरा आवेदन नहीं कर सकता है।
सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचियों की प्रार्थना पर कानून के अनुसार नए शैक्षणिक सत्र यानी 2024-25 के दौरान अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दूसरे आवेदन पर विचार किया जाएगा। वर्तमान स्थानांतरण नीति के खंड 18 के अनुसार, मध्य शैक्षणिक सत्र के दौरान स्थानांतरण की अनुमति नहीं है।
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