गोंडा : तहसीलदार सदर को नोटिस, नायब तहसीलदार और आरआई समेत 4 को एडवर्स इंट्री
जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर डीएम ने की कार्रवाई
गोंडा, अमृत विचार। जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही और शिथिलता बरतना तहसीलदार सदर सत्यपाल सिंह समेत पांच अफसरों को भारी पड़ गया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिया है। डीएम ने तहसीलदार सदर को नेटिस जारी तकर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही 16 जनवरी तक प्रकरण का निस्तारण सुनिश्चित कर रिपोर्ट तलब की है। वहीं नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक समेच चार कर्मियों के खिलाफ मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है। डीएम ने साफ किया है कि जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण प्रशासन की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही और शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।
जनता दर्शन में सामने आई थी शिकायत
सदर तहसील के खिरौरा मोहन चिलबिला खत्तीपुर निवासी पंडित राम किशुन मिश्र ने बीते 18 अक्टूबर को जनता दर्शन में उपस्थित होकर सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत दर्ज कराई थी। इस प्रकरण में तहसीलदार सदर ने 25 नवम्बर को नायब तहसीलदार नेहा राजवंशी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम का गठन कर रिपोर्ट मांगी लेकिन नायब तहसीलदार ने न तो रिपोर्ट दाखिल की और न ही सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण हटाया गया। 10 जनवरी को शिकायतकर्ता ने फिर से जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्रवाई न होने की जानकारी दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसमें कई बार इस प्रकरण के संबंध में उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार से सम्पर्क किया गयी लेकिन बार-बार चक्कर काटने के बाद भी शिकायत का निस्तारण नहीं हो सका। इस पर नाराज डीएम ने जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही और शिथिलता के मद्देनजर नायब तहसीलदार बिरवा नेहा राजवंशी, क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक रामानुज, लेखपाल अक्षय कुमार पाण्डेय और क्षेत्रीय लेखपाल नृपेन्द्र त्रिपाठी के को एडवर्स इंट्री देने का आदेश दिया है। साथ ही तहसीलदार सदर सत्यपाल सिंह को नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है। उन्होंने तहसीलदार को मौके पर जाकर शिकायत का निस्तारण करते हुए रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
ये भी पढ़ें -डीएलएड परीक्षा : परीक्षार्थी ने हाथ पर लिखा था साइंस का फार्मूला, चाटकर मिटाया
