बरेली: एई की रिपोर्ट ओके...देसी ढंग से ही बनेगी सड़क
बरेली, अमृत विचार। बिथरी के गांव आलमपुर गजरौला में 80 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क देसी ढ़ंग से ही बनेगी। बजरफुट के बजाय मिट्टी मिली बालू यानी स्टोन डस्ट का उपयोग करने की जानकारी पर पहुंचे पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में इसे ओके कर दिया। इसको लेकर ग्रामीणों में गुस्सा है।
उनका कहना है कि स्टोन डस्ट का उपयोग खुलकर किया जा रहा है। अब तक पानी का भी छिड़काव नहीं किया गया। वह मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर चुके हैं। कहा ठेकेदार और इंजीनियरों का गठजोड़ आंखों में धूल झोंक रहा है। अफसर आएं तो हकीकत पता चल जाएगी।
दरअसल, इस गांव में पीडब्ल्यूडी को दो किमी लंबी सड़क बनानी है। इसमें एक किमी सीसी रोड का निर्माण चल रहा है। इसमें स्टोन डस्ट के साथ मोरंग और सीमेंट मानक से कम उपयाग करने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।
एक्सईएन नारायण सिंह का कहना है कि एई को भेजकर जांच कराई गई। स्टोन डस्ट के आरोप गलत हैं। काम मानक अनुसार होता मिला। कहीं किसी तरह की खामी नहीं मिली। ठेकेदार और देखरेख में लगे जेई को सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं।
टेस्टिंग न कोई मानक, सड़क तो उखड़ेगी ही
सड़क की मोटाई 15 सेंटीमीटर निर्धारित है। इसमें एक बोरी सीमेंट के साथ डेढ़ बोरी रेता और तीन बोरी बजरी मिलाकर डालने का प्रावधान है। हर 100 मीटर की दूरी पर टेस्टिंग क्यूब बनाया जाता है ताकि सड़क बनने के बाद इसकी गुणवत्ता परखी जा सके।यहां निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की टेस्टिंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सीसी रोड डालने के चौबीस घंटे बाद पानी छिडकाव का प्रावधान है वह भी नहीं किया जा रहा।
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