Kanpur News: GSVM की पीजीआई में शुरू हुआ देश का पहला पेन मेडिसिन विभाग, मिलेगी हर असहनीय दर्द की दवा..
कानपुर में जीएसवीएम के पीजीआई में पेन मेडिसिन विभाग की शुरूआत हो गई है।
कानपुर में जीएसवीएम के पीजीआई में पेन मेडिसिन विभाग की शुरूआत हो गई है। यहां पर मरीज की हर एक नस से दर्द दूर किया जाएगा।
कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल (पीजीआई) में देश का पहला पेन मेडिसिन विभाग बनाया गया है। यहां पर कैंसर की असहनीय पीड़ा के साथ ही शरीर के जोड़ों या किसी भी हिस्से में हर तरह के दर्द से मरीजों को राहत प्रदान कराई जाएगी। दर्द की समस्या लेकर आने वाले मरीजों के शरीर में जो नस दर्द दे रही होगी, उसे चिह्नित कर दर्द खत्म किया जाएगा।
शरीर में होने वाला हर दर्द, आम दर्द नहीं होता है, कई बार नजरअंदाज करने पर धीरे-धीरे समस्या गंभीर हो जाती है। इसके बाद जब लोग इलाज कराने अस्पताल पहुंचते है तो दर्द ठीक होने में काफी अधिक समय लगता है। अब ऐसे दर्द की जानकारी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल (पीजीआई) में आसानी से हो सकेगी।
इसके लिए अस्पताल में पेन मेडिसिन विभाग बनाया गया है। यहां पर नसों की वजह से शरीर के अंगों में होने वाले दर्द को पेन फाइबर की मदद से दूर किया जाएगा। इसके साथ ही इस विभाग की ओपीडी में कैंसर, जोड़ों के दर्द, रीढ़ व कमर के असहनीय दर्द से बेहाल रहने वाले पीड़ितों को भी राहत मिलेगी।
रेडियो फ्रिक्वेंसी और न्यूरो मॉडिलेशन उपचार मिलेगा
एक समय के बाद प्रभावित अंगों में दवा काम करना बंद कर देती है। ऐसे में पेन मेडिसिन विभाग में रेडियो फ्रिक्वेंसी और न्यूरो मॉडिलेशन से प्रभावित अंग को ठीक किया जाएगा। जिस अंग में दर्द है, उस हिस्से की नस को चिन्हित कर उसमे सीधे दवा दी जाएगी। इससे नस का दर्द तो ठीक होगा ही, शरीर की अन्य किसी नस और हिस्से को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।
30 बेड का वार्ड, आईसीयू और ओटी की भी है सुविधा
सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के प्रभारी प्रो.मनीष सिंह ने बताया कि जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पीजीआई में देश का पहला पेन मेडिसिन विभाग खुलना बड़ी उपलब्धि है। अभी तक यह विभाग किसी भी मेडिकल कॉलेज में नहीं है। इस विभाग में 30 बेड का वार्ड, आईसीयू और ओटी की सुविधा है। इस विभाग में तीन प्रोफेसरों की तैनाती की गई है। इस विभाग में कोर्स चालू करने के लिए नेशनल बोर्ड में आवेदन किया जाएगा। इसके बाद यहां पर डॉक्टरों की संख्या अधिक होगी।
रीढ की हड्डी में पंप से दी जाएगी दवा
सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में पेन मेडिसिन विभाग के प्रो. चंद्र शेखर ने बताया कि दर्द की दवा अगर अधिक मात्रा में दी जाए तो उसके नुकसान होते हैं, शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में रीढ़ की समस्या से पीड़ित मरीज को पेन मेडिसिन विभाग में इंट्राथिकर मर्फिम पंप के माध्यम से दवा दी जाएगी, जो सीधे दर्द वाले हिस्से में पहुंचेगी।
इस हिस्से में कम से कम दवा देकर उसे ठीक किया जा सकता है। इसमें डोज को सेट किया जाता है। ओपीडी में प्रतिदिन अभी करीब 50 से 60 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
