पीलीभीत: साढ़े तीन घंटे ठप रही पूरनपुर की सहकारी चीनी मिल, वेतन न मिलने से भड़के कर्मचारियों का हंगामा
पूरनपुर, अमृत विचार: किसान सहकारी चीनी मिल में कर्मचारियों की कमान ठेकेदार के हाथ आते ही बखेड़ा मचने लगा है। कटौती और वेतन न मिलने से आक्रोशित सैकड़ों कर्मचारी शनिवार को मिल का चक्का जाम कर हड़ताल पर चले गए। मिल बंदी से हरकत में आए प्रबंधन ने जैसे-तैसे कर्मचारियों को शांत किया। आश्वासन दिया कि मंगलवार तक फर्म से वेतन भुगतान करा दिया जाएगा। साढ़े तीन घंटे तक मिल बंदी के बाद कर्मचारी काम पर वापस लौटे।
चीनी मिल में जेएम पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों को ठेके पर रखने के लिए एक फर्म के साथ करार हुआ है। दिसंबर में फर्म ने कर्मचारियों का ब्योरा जुटाकर पंजीकरण किया। अब फर्म द्वारा ही कर्मचारियों को वेतन दिया जाना है। बताते हैं कि नवंबर में कुछ कर्मचारियों का वेतन जारी हुआ। जिसमें फंड के नाम पर कुछ कटौती हुई है।
कर्मचारी इससे नाराज हैं। उनकी मांग है कि मिल उन्हें जितना वेतन देती रही है। उतना वेतन मिलना चाहिए। कर्मचारियों नेताओं का कहना है कि गत दिसंबर माह का वेतन अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसे न्यूनतम वेतनमान पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इसी के विरोध में शनिवार को मास्टर रोल और संविदा कर्मचारी काम बंद करके हड़ताल पर चले गए।
सुबह साढ़े नौ बजे मिल बंद कर विरोध-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों के आंदोलन से मिल प्रबंधन में खलबली मच गई। सीसीओ अजय यादव, सीए संतोष कुमार मलिक आदि कर्मचारियों को मनाने में जुट गए। जेएम पोर्टल के ठेकेदार से बात की। आश्वस्त किया कि मंगलवार तक हर हाल में वेतन दिलाया जाएगा। तब जाकर कर्मचारी काम पर वापस लौटे।
भारतीय चीनी मिल मजदूर संगठन, द किसान सहकारी चीनी मिल यूनियन और प्रगतिशील चीनी मिल कर्मचारी यूनियन ने मांग उठाई है कि कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती न हो और समय पर वेतन दिलाया जाए। चीनी मिल अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार से बात हुई है। मंगलवार तक वेतन दिलाया जाएगा। आश्वासन पर कर्मचारी मान गए।
पंजीकरण के साथ ही विवाद
जेएम पोर्टल पर कर्मचारियों के पंजीकरण के साथ ही फर्म के साथ कर्मचारियों का टकराव शुरू हो गया था। फर्म के स्टाफ में शामिल एक कर्मचारी ने मिल कर्मी के साथ हाथापाई कर दी थी। उस वक्त भी कर्मचारियों ने मिल बंद कर प्रदर्शन किया था। कर्मचारी शुरुआत से ही ठेकेदारी प्रथा का विरोध कर रहे हैं। इस आशंका के साथ कि ठेकेदारी प्रथा लागू होने से वे बेरोजगार हो जाएंगे या वेतन का संकट पैदा होगा। कर्मचारी नेता अरबिल राय के मुताबिक हर साल चीनी मिल समय पर कर्मचारियों को वेतन देती रही है। इस बार वेतन की समस्या सामने आई है।
जीएम नहीं आए, वार्ता को भेजी टीम
चीनी मिल के जीएम आरके वर्मा का तबादला हो गया है। सोमवार या मंगलवार को नए जीएम दीप्ति देव यादव पद्भारग्रहण कर सकते हैं। बताते हैं कि कर्मचारियों के वेतन का विवाद सामने आने के बाद जीएम वार्ता के लिए भी नहीं पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों की एक टीम जरूर भेज दी।
31 दिसंबर तक का गन्ना भुगतान
उधर चीनी मिल ने 31 दिसंबर 2023 तक का किसानों का बकाया गन्ना भुगतान कर दिया है। सीसीओ अजय यादव ने बताया कि 25 से 31 दिसंबर तक का करीब चार करोड़ रुपये भुगतान किया गया है। इस बार चीनी मिल समय से भुगतान कर रही है, जिससे काफी हद तक किसान खुश हैं।
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