अधूरी रह गई इच्छा: संभल में 22 को नहीं विराजेंगे श्रीराम

भीष्म सिंह देवल, संभल,अमृत विचार। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला के विराजने के लिए 22 जनवरी का दिन तय किया गया तो संभल जनपद के हयातनगर में भी इसी शुभ दिन प्राचीन मंदिर को भव्य स्वरूप देकर श्री राम की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी शुरू हुई। कार्ड छप गये और पुरोहितों को भी निमंत्रण दे दिया गया। दो दिन पहले अचानक आयोजन से जुड़े व्यक्ति की मृत्यु हुई तो अब 22 जनवरी को श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन टाल दिया गया।
हयातनगर कस्बे में स्थित प्राचीन जर्मन वाला मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कुछ माह पहले शुरू किया गया था। मंदिर व्यवस्थापक प्रवीण कुमार की अगुवाई में समाज के लोग मंदिर को भव्य बनाने के काम में जुटे थे। मोहल्ले के सतीश पहलवान भी मंदिर जीर्णोद्धार के काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। जब अयोध्या में 22 जनवरी को अयोध्या श्री रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय हुआ तो सतीश पहलवान ने भी यह इच्छा जताई कि हयातनगर के उनके मंदिर में भी 22 जनवरी को ही भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो। सभी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर 22 जनवरी को श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां शुरु कर दीं।
आ गये थे पुरोहित,अब स्थगित हुआ कार्यक्रम
संभल। विधि विधान के हिसाब से शुभ मुहूर्त में श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय कर दिया गया। आयोजन में अतिथियों को बुलाने के लिए बुलावा पत्र तैयार हो गये। अनुष्ठान सम्पन्न कराने के लिए वाराणसी से पुरोहित भी बुला लिये गये। इसी दौरान गुरुवार रात को अचानक सतीश पहलवान का निधन हो गया। सतीश पहलवान के निधन के बाद 22 जनवरी को मंदिर में श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
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