दुस्साहस: बोले तो जान से जाओगे.., चौकी से महज चार सौ मीटर की दूरी पर तीन घंटे उत्पात मचाते रहे डकैत
लखनऊ, अमृत विचार। अपट्रान चौकी से महज 400 मीटर की दूरी पर बालाजी ट्रांसफार्मर फैक्ट्री में 10 से 12 डकैत करीब तीन घंटे उत्पात मचाते रहे और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। डकैत डीसीएम में करीब 6500 किलो कॉपर लाद कर देवा रोड से निकल गए। रात एक बजे के करीब पड़ी डकैती को पुलिस के आलाधिकारी दोपहर तक नजर अंदाज करते रहे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डकैती से संबंधित पोस्ट वायरल हुई तब करीब तीन बजे आला अफसर व फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
पुलिस ने बंधक बनाए गए कर्मियों से भी की पूछताछ
अहियागंज के बर्तन बाजार निवासी संजीव अग्रवाल देवा रोड स्थित ट्रांसफार्मर फैक्ट्री के मालिक हैं। फैक्ट्री में यूपीपीसीएल से भेजे गये ट्रांसफार्मर की रीफिलिंग होती है। इसी बिल्डिंग में उनकी बेकरी की भी फैक्ट्री चलती है। दोनों फैक्ट्रियों में अलग-अलग स्टाफ काम करता है। आशंका है कि डकैती की साजिश पहले से ही रची गई। कर्मचारी कहां पर हैं, कितना माल कहां पर रखा है, डकैतों को सब कुछ पता था। हैरान करने वाली बात है कि जिस फैक्ट्री में करोड़ों का माल पड़ा था उसमें सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं।

वहीं गार्ड की उम्र भी 60 वर्ष के आसपास है। जबकि पड़ोस की अन्य फैक्ट्रियों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस गश्त पर तो सवालिया निशान लगे ही हैं। घटना के बाद भी पुलिस की उदासीनता सामने आयी है। बंधक बानए गए एक कर्मी के हाथ की रस्सी ढीली थी, उसने खुद हाथ खोले फिर अन्य के। करीब चार बजे संजीव अग्रवाल व पुलिस को फोन किया। चौकी पुलिस तो पहुंची, जबकि डकैती जैसी घटना होने के बाद भी अधिकारी दोपहर बाद पहुंचे।
शक के दायरे में कर्मचारी भी, जेसीपी ने की पूछताछ
जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने डकैती के समय फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारियों से एक-एक कर अकेले में गहनता से पूछताछ की। डकैती में पुलिस के शक के दायरे में कर्मचारी भी हैं। इसके चलते उनके मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाए गए हैं। इनके नंबराें की काल डिटेल भी खंगाली जा सकती है। पड़ोस में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले गए हैं। रात में कई वाहन आवाजाही करते दिखे हैं। जिनके नंबर के आधार पर डिटेल खंगाली जा रही है।

बोले तो जान से जाओगे....इशारों में कर रहे थे बातें
गार्ड रामाधार, चौथी यादव, विमल कश्यप, नितेश, विक्रम और अजीत को डकैतों ने बंधक बनाया था। घटना के समय यही कर्मी फैक्ट्री के अंदर मौजूद थे। नितेश ने 20 दिन, अजीत ने दो महीने और विक्रम ने चार महीने पहले बेकरी की फैक्ट्री में काम शुरू किया था। नितेश ने बताया कि डकैतों ने हम लोगों के हाथ पीछे की तरफ करके बांधे। बोलने पर जान से हाथ धोने की धमकी दी। डकैत इशारों में बातें कर रहे थे। डकैतों की उम्र 25 से 30 वर्ष के आसपास थी।
सामान लादने के लिए गोदाम के अंदर ले गए ट्रक
डकैतों ने मेन गेट का ताला तोड़ा इसके बाद ट्रक अंदर ले गए। करीब तीन घंटे गोदाम में नए व पुराने काॅपर को कटर से काटा। इसके बाद करीब 6500 किलो कॉपर, रिले गैस सिलेंडर, कपड़े, मोबाइल, एक कर्मचारी के पास से 18 हजार रुपये और चौकीदार की साइकिल ट्रक में लाद फरार हो गए।
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