बरेली: सेंट्रल जेल के 14 कैदियों को खुले में काम करने का मिलेगा मौका
दिग्विजय मिश्रा, बरेली, अमृत विचार। सेंट्रल जेल में सजा काट रहे 14 कैदियों को लखनऊ में खुले में काम करने का मौका मिलेगा, जो सुबह जेल से बाहर काम के लिए जाएंगे और शाम वापस आएंगे। जेल प्रशासन इन कैदियों को अच्छे आचरण के चलते आदर्श कारागार लखनऊ भेजेगा। फिलहाल, मुख्यालय से इस संबंध में सहमति मिल गई है। सिर्फ कैदियों को शिफ्ट किए जाने की तारीख तय होना बाकी है।
कैदियों को मिलेगी सात सौ एक हजार रुपये तक मजदूरी
सेंट्रल जेल में काम करने वाले कैदियों को तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है। जिसमें कम मेहनत वालों को 40, उससे अधिक मेहनत करने वालों को 60, जबकि सबसे अधिक मेहनत का काम करने वाले कैदियों को प्रतिदिन 80 रुपये मिलते हैं। वहीं, आदर्श कारागार लखनऊ में बंद कैदियों को जेल के बाहर भेजा जाता है। जिन्हें रोजाना 700 से एक हजार रुपये तक की मजदूरी मिलती है। कई ऐसे कैदी भी हैं, जो जेल में रहकर भी परिवार का पूरा खर्च उठा रहे हैं।
प्रदेश की इकलौती जेल, जहां बाहर काम करने जाते हैं कैदी
लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में स्थित आदर्श कारागार प्रदेश में इकलौती जेल है, जहां के कैदी काम करने के लिए जेल से बाहर भेजे जाते हैं। इसका उन्हें मेहनताना भी मिलता है। कैदियों को यहां हर साल 15 दिन का अवकाश भी मिलता है। इस अवकाश में वह घर जाते हैं। जरूरत पड़ने पर उनका यह अवकाश बढ़ाया भी जाता है। करीब 100 बंदी रोजाना काम पर बाहर भेजे जाते हैं। इसमें ज्यादातर कैदी गन्ना संस्थान में मजदूरी करने जाते हैं।
कुछ जेल के बाहर बनी दुकानें भी संचालित करते हैं और कुछ पुरानी जेल रोड स्थित कारागार मुख्यालय के बाहर स्थित दुकानों पर भी काम करते हैं। यह दुकानें कैदियों को आवंटित की गई हैं। यह सभी सजायाफ्ता और अच्छे चाल चलन वाले कैदी होते हैं, जो आदर्श कारागार में रखे जाते हैं।
अच्छे आचरण वाले 14 कैदियों के नाम आदर्श कारागार में शिफ्ट करने के लिए जेल मुख्यालय भेजे गए थे, जहां से सहमति भी मिल चुकी है। जल्द इन कैदियों को भेज दिया जाएगा, जो खुले में काम कर सकेंगे।-विजय राय, जेलर सेंट्रल जेल
ये भी पढे़ं- महिपाल हत्याकांड: रसुइया को महिला के बेटे ने पहले ही दी थी हत्या की धमकी
