लखीमपुर-खीरी: जिलेवासियों के लिए अच्छी खबर, जिला अस्पताल में हुआ पहला अर्ध कूल्हा प्रत्यारोपण

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Published By Moazzam Beg
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। जिलेवासियों के लिए यह बेहद अच्छी खबर है। अब उन्हें घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए लखनऊ या फिर निजी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। यह सुविधा जिला अस्पताल में मिलनी शुरू हो गई है। जिले में पहला अर्ध कूल्हा प्रत्यारोपण असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष वर्मा ऑर्थोपेडिक्स सर्जन की टीम ने किया है। यह प्रत्यारोपण प्रधानमंत्री आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजना के तहत निशुल्क किया गया है।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष वर्मा ऑर्थोपेडिक सर्जन व डॉ. श्रीराम सहित एनेस्थेटिक टीम में डॉ एसके मिश्रा व डॉ अभिषेक पांडेय शामिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को पहला अर्ध कूल्हा ईसानगर में रहने वाले राम लखन (60) वर्ष का प्रत्यारोपण किया गया है। यह ऑपरेशन 28 जनवरी 24 को किया गया था और बुधवार 31 जनवरी को मरीज चलने भी लगा है। ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। खास बात यह भी है कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क था। 

आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजना के तहत यह प्रत्यारोपण किया गया है। मरीज 13 जनवरी को भर्ती हुआ था और उसके बाद जरूरी जांचों के साथ कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। अर्ध कूल्हा प्रत्यारोपण पर सीएमएस एमसीएच विंग डॉ एसी श्रीवास्तव व सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने भी ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है। मेडिकल कॉलेज के शुरू होने पर जिलेवासियों को स्वास्थ्य से संबंधित और भी तमाम सेवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। कूल्हा प्रत्यारोपण, घुटना प्रत्यारोपण के साथ ही हड्डी रोग से जुड़े तमाम ऑपरेशन की सुविधा भी मरीजों को मिलना शुरू हो गई है।

अन्य विभागों में भी असिस्टेंट प्रोफेसर की हुई तैनाती
नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी भी पूरी होने लगी है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आर्य देश दीपक ने बताया कि हड्डी रोग विभाग के साथ ही अन्य विभागों में भी असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती हो गई है। मरीजों की बेहतर देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हर आवश्यकता को पूरा किया जा रहा है। लोगों को अब जिले में ही मेडिकल कॉलेज की सारी सुविधाए मिल सकेगी। उन्हे इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। 

लखनऊ और निजी अस्पतालों की नहीं लगानी पड़ेगी दौड़
प्रत्यारोपण की सुविधा न होने के कारण मरीजों को कूल्हा और घुटना के साथ ही छोटे से छोटे हड्डी प्रत्यारोपण के लिए लखनऊ या आसपास के महानगरों में बने मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पतालों को जाना पड़ता था और इसके लिए उन्हें लाखों रुपए खर्च करने पड़ते थे, लेकिन मेडिकल कालेज के शुरू होने से मरीजों और उनके तीमारदारों  को लखनऊ समेत अन्य मेडिकल कॉलेज की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। उन्हे लखीमपुर मेडिकल कॉलेज में ही सभी सेवाएं मिल सकेंगी।  

मेडिकल कॉलेज में बेहद सस्ता उपचार 
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आर्य देश दीपक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में उपचार सबसे सस्ता है, जबकि अर्द्ध कूल्हा, घुटना आदि प्रत्यारोपण में लाखों रुपए खर्च होता है। प्रधानमंत्री आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों के लिए यह इलाज पूरी तरह से निशुल्क है।

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