कासगंज: बिजली कनेक्शन कराया विच्छेद फिर भी विभाग बनाता रहा बिल, न नोटिस न बिल, सीधे रिकवरी के लिए आरसी जारी
कासगंज, अमृत विचार: विद्युत विभाग की ओर से कनेक्शन विकसित कर दिया गया और बराबर बिल तैयार किया जाता रहा। न नोटिस दिया न बिल दिया और सीधे रिकवरी के लिए कमर्शियल कनेक्शन की आरसी जारी कर दी। पीड़ित ने स्थाई लोक अदालत का सहारा लिया। स्थाई लोक अदालत ने 3 लाख 13 हजार रुपए की रिकवरी को शून्य करने का आदेश जारी कर दिया।
साथ ही 30 दिन के अंदर पीड़ित को जमा की गई प्रतिभूति धनराशि एवं उसे पर ब्याज का भुगतान करें। स्थाई लोक अदालत का सहारा विपिन कुमार अग्रवाल निवासी करारी वाली गली ने लिया। उन्होंने अपने अधिवक्ता सुधांशु शर्मा के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें लिखा कि वर्ष 2012 तक कनेक्शन की संपूर्ण बिल की धनराशि जमा कर दी गई।
उसके बाद व्यापारिक प्रतिष्ठान से विद्युत कनेक्शन समाप्त कर दिया गया, लेकिन बिजली विभाग ने कोई भी अभिलेख मांगने पर भी नहीं दिया। वर्ष 2021 में अमीन द्वारा बताया गया कि विद्युत बिल के 13 लाख 13 हजार रुपया बकाया है। इसके अलावा ब्याज भी है। 21 नवंबर 2020 को आरसी जारी हो चुकी है। इस पर पीड़ित ने अवैध रूप से जारी की गई आरसी की धनराशि को शून्य करने का अनुरोध न्यायालय से किया।
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद, सदस्य बसंत शर्मा एवं डॉ. सपना अग्रवाल ने पीड़ित के पक्ष के साथ ही विद्युत विभाग का भी पक्ष जाना और पीड़ित के पक्ष को तथ्यपूर्ण पाया। फिर निर्णय सुना दिया है।
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